हाईकोर्ट ने जांच के दिए आदेश
चंडीगढ़, जागरण संवाददाता : गुरु रामदास इस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइसेस अमृतसर व दयानंद मेडिकल कालेज लुधियाना में वर्ष 2011-12 में एमडी व एमएस कोर्स में दाखिले के दौरान भारी अनियमितताएं बरती गई है। इस मामले में डा. हरनीत ¨सह खुराना ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर बताया कि अमृतसर के गुरु रामदास इस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइसेस में एमडी कोर्स की तीन सीटे 60 लाख से 1 करोड़ में उन उम्मीदवारों को बेची गई है, जो प्रवेश परीक्षा में भी नहीं बैठे थे, जबकि याचिकाकर्ता स्वयं प्रवेश परीक्षा में बैठा और क्वालीफाई हुआ था, उसे सीट नहीं दी गई है। उसके स्थान पर डा. याद¨वद्र ¨सह सोहल को एमएस आर्थोपेडिक, डा. मनु शर्मा को एमडी पैड्रियाट्रिक्स व डा. मनदीप कौर को एमडी मेडिसिन में दाखिला दे दिया गया। जबकि इन तीनों उम्मीदवारों के मैरिट व रै¨कग याचिकाकत्र्ता से काफी कम है। लिहाजा याचिकाकत्र्ता ने उच्च न्यायालय से माग की है कि भविष्य में गुरु रामदास इस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइसेस को ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर रोक लगाई जाए। राज्य के सभी निजी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया राच्य सरकार के तहत की जानी चाहिए।
याचिकाकर्ता ने लुधियाना के दयानंद मेडिकल कालेज में भी दाखिला प्रक्रिया पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने इसी कालेज में एमबीबीएस की है। यहीं पर उसने एमडी कोर्स में दाखिले के लिए आवेदन दिया था। दाखिले के लिए हुई प्रवेश परीक्षा में उसने 73.50 प्रतिशत अंक हासिल कर 92वीं रै¨कग हासिल की थी, परतु कालेज ने उसकी बजाय एक अन्य उम्मीदवार डा. मोहमीत बराड़ जिसे प्रवेश परीक्षा में उससे कम 70 प्रतिशत अंकों के साथ 182वीं रैक थी, उसे दाखिला दे दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब के निदेशक मेडिकल एजुकेशन एवं रिसर्च को मामले की जाच के आदेश देते हुए जाच रिपोर्ट पांच जनवरी को उच्च न्यायालय में सौंपने के आदेश दे दिए है।
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