Move to Jagran APP

शहर में 17 दिन बाद भी नहीं बंटे डस्टबिन

जासं, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर में गारबेज सेग्रीगेशन के लिए 5 जून से हरे व नीले रंग के

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Jun 2017 09:16 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jun 2017 09:16 PM (IST)
शहर में 17 दिन बाद भी नहीं बंटे डस्टबिन

जासं, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ नगर निगम ने शहर में गारबेज सेग्रीगेशन के लिए 5 जून से हरे व नीले रंग के डस्टबिन लोगों को देने शुरू किए थे, ताकि गीला व सूखा कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जा सकें। लेकिन 17 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक इसमें से आधे डस्टबिन ही लोगों तक पहुंचे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि ऐसे कैसे निगम शहर को साफ सुथरा बनाएगा?

loksabha election banner

गौरतलब है कि पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने इस अभियान की शुरुआत की थी। शहर में मौजूदा समय में 2 लाख 34 हजार के करीब घर हैं, लेकिन निगम ने मात्र 15 हजार डस्टबिन ही मंगवाए और उसमें से भी अभी तक आधे डस्टबिन ही लोगों तक पहुंचाए गए। इसके अलावा आगे भी निगम ने सिर्फ 35 हजार डस्टबिन ही मंगवाए हैं। जिस रफ्तार से निगम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, उससे यह प्रतीत होता है कि इस साल के अंत तक भी इस प्रोजेक्ट को पूरा नहीं कर पाएगा। हालांकि निगम का दावा है कि अक्टूबर तक निगम सभी घरों तक यह डस्टबिन पहुंचा देगा।

बॉक्स

कई वार्डो में नहीं बांटे डस्टबिन

वार्ड नंबर 3 से भाजपा पार्षद रविकांत शर्मा ने बताया कि उन्होंने सेक्टर-17डी व 22ए में डस्टबिन बांट दिए हैं, जबकि अन्य जगहों पर डस्टबिन बांटना बाकी है। वार्ड नंबर 11 से पार्षद सतीश कैंथ ने बताया कि अभी तक तो उन्हें 1500 डस्टबिन ही मिले हैं, जबकि 14 हजार डस्टबिन की उन्हें और जरूरत है। उन्होंने कहा कि आधे डस्टबिन बांट दिए गए है, जबकि बाकी के डस्टबिन बांटने में अभी डेढ़ हफ्ता और लग जाएगा।

बॉक्स

स्कीम फेल होती देख लोगों को किया जा रहा जागरूक

नगर निगम ने यह स्कीम फेल होती देख अब लोगों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। इसके लिए निगम स्थानीय वेलफेयर एसोसिएशनों की सहायता से सभी इलाकों में कैंप लगा रहा है, जहां लोगों को जागरूक करने के साथ ही डस्टबिन भी बांटे जा रहे हैं। लेकिन इससे कुछ खास फायदा होता दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि अभी भी लोगों में जागरूकता की कमी है और वह डस्टबिन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं।

बॉक्स

यह था निगम का मकसद

निगम का मकसद था कि शहर में मौजूद 2 लाख 34 हजार घरों में हरे और नीले डस्टबिन बांटे जाएं। लोग हरे डस्टबिन में गीला कचरा इकट्ठा करें और नीले डस्टबिन में सूखा कचरा इकट्ठा करें। इतना ही नहीं सफाई कर्मी जब कूड़ा इकट्ठा करने आएंगे तो वह भी इस कूड़े को अलग-अलग एकत्रित करें। इस कूड़े को बाद में अलग-अलग बिन में डाला जाएगा, ताकि गीले कचरे के निपटान के लिए उसे बॉयोमेथीनेशन प्लांट तक पहुंचाया जा सकें व उससे बिजली पैदा करके उसका इस्तेमाल स्ट्रीट लाइटस रोशन करने के लिए किया जा सकें। वहीं ठोस कचरे को गारबेज प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंचाया जा सकें।

कोट्स

पहले 15 हजार डस्टबिन मंगवाए गए थे, जिसमें से आधे बांट दिए गए है, जबकि बाकी के डस्टबिन जल्द बांट दिए जाएंगे। 35 हजार डस्टबिन और मंगवाए हैं। प्रयास है कि इस माह के अंत तक सभी लोगों तक यह डस्टबिन पहुंच जाएं।

-मनोज खत्री, संयुक्त आयुक्त, नगर निगम चंडीगढ़।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.