सरकारी स्कूलों में लगीं स्वैप मशीनें
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में फीस जमा कराने के लिए स्वैप मशीनें पहुंच चुकी हैं। 114 सरका
सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़ : सरकारी स्कूलों में फीस जमा कराने के लिए स्वैप मशीनें पहुंच चुकी हैं। 114 सरकारी स्कूलों में 228 स्वैप मशीनें उपलब्ध करा दी गई हैं। अप्रैल से फीस जमा करने का नया सिस्टम शुरू हो जाएगा। शिक्षा विभाग की तरफ से हर स्कूल में फीस को जमा कराने के लिए दो स्वैप मशीनें मुहैया कराई गई हैं। दो मशीनों को लगाने का मुख्य उद्देश्य काम को जल्द निपटाने के लिए किया गया है। यह प्रोजेक्ट मुख्य तौर पर ई- पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए है। विभाग की तरफ से सारी मशीनों को स्कूलों में भेज दिया गया है, अब अप्रैल से नौवीं से बारहवीं कक्षा की फीस स्वैप मशीनों से ही जमा होगी। इससे जहां पर कैशलेस को बढ़ावा मिलेगा, वहीं, पहली बार बच्चों की फीस ई-पेमेंट से जमा कराने में सैकड़ों अभिभावकों को परेशानी भी होगी। शहर में कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास क्रेडिट और डेबिट कार्ड नहीं है। ऐसे में उन अभिभावकों को फीस जमा कराने में परेशानी होगी। विभाग की तरफ से इन मशीनों को लगाने के लिए 60 लाख रुपये का बजट खर्च किया गया है।
इंटरनेट में हो सकती है परेशानी
स्वैप मशीनों में ट्रांजेक्शन बिना इंटरनेट के संभव नहीं है। सरकारी स्कूलों को इंटरनेट चलाने की सुविधा दी गई है। इसमें एक स्कूल को 27 से 30 जीबी का डाटा मिलता है। उसी नेट से प्रिंसिपल ऑफिस का सारा काम, आइटी की कक्षा संचालित होती है। 27 से 30 जीबी को डाटा 5 से 7 दिनों के भीतर स्कूल के कार्यो में ही खर्च हो जाता है ऐसे में एक स्कूल में 3 से 5 हजार विद्यार्थियों की फीस को जमा करने में स्कूल प्रशासन को परेशानी होनी तय है।
फीस
-नौवीं : 64 रुपये
-दसवीं : 59 रुपये
-जरनल कोटा लड़कों की तीन महीने की फीस : 174 रुपये
-लड़कियों की फीस : 129 रुपये
-आरक्षित कोटे के विद्यार्थियों की तीन महीने की फीस : 67.50 रुपये
11वीं और 12वीं
-दोनों कक्षाओं की 6 महीनों की फीस एक साथ जमा होती है।
-साइंस संकाय में लड़कों की फीस : 1500 रुपये
-लड़कियों की फीस : 1200 रुपये
-आरक्षित कोटे के लड़के और लड़कियों की फीस : 700 रुपये
कॉमर्स, आर्ट और वोकेशनल
-जरनल कैटेगरी लड़कों के लिए : 1300 रुपये
-जरनल कैटेगरी लड़कियों के लिए 1000 रुपये
-आरक्षित कोटे के लड़के और लड़कियों की फीस : 600 रुपये
कैशलेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वैप मशीनों को लगाने के निर्देश मिले थे। उसके चलते मशीनों को स्कूलों में भेजा जा चुका है। अप्रैल से फीस जमा होनी शुरू होगी। यदि किसी के पास क्रेडिट या डेबिट कार्ड नहीं है तो उसके बारे में विभाग जल्द विचार करेगा।
अनुजीत कौर, डीईओ-2