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मा की संपत्ति धोखे से बेचने वाली बेटी और दामाद के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने एक वृद्धा की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसएसपी मोहाली को याची

By Edited By: Published: Tue, 27 Sep 2016 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2016 11:04 PM (IST)
मा की संपत्ति धोखे से बेचने वाली बेटी और दामाद के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईकोर्ट ने एक वृद्धा की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसएसपी मोहाली को याची की बेटी और उसके दामाद के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही एसएसपी को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि मामले की जाच जल्दी पूरी हो। मामले में याचिका दाखिल करते हुए मोहाली निवासी सीनियर सिटीजन ने कहा था कि उनकी प्रॉपर्टी मोहाली में है और इस प्रॉपर्टी को उनकी बेटी और दामाद ने गलत तरीके से सेल डीड के माध्यम से अपने नाम करवा लिया। याचिका में कहा गया कि उन्हें जैसी ही पता चला कि 14 नवंबर 2014 को उनकी संपति की सेल डीड बना दी गई है तो उन्होंने तुरंत मोहाली के सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की कोर्ट में दस्तक दी। याची की शिकायत पर चार मार्च 2015 को सेल डीड पर रोक लगा दी। याचिका में कहा गया कि संपति की खरीद बेच पर रोक का फैसला रेवेन्यू रिकार्ड में होने के बावजूद बेटी और दामाद ने साजिश रच खरीददारों के नाम पर सेल डीड बनवा दी। यह सेल डीड 23 अप्रैल 2015 को तैयार की गई। मामले में याची पक्ष को सुनने के बाद जस्टिस रामेश्वर सिंह मलिक ने फैसले में कहा कि सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट की कोर्ट से संपति की खरीद बेच पर रोक के आदेश के बावजूद सेल डीड रजिस्टर कैसे हुई। रेवेन्यू रिकार्ड में सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट के स्टे आर्डर होने के बावजूद खरीददारों के नाम पर सेल डीड रजिस्टर कैसे हो गई। मोहाली के डीसी कम कलेक्टर इस मामले की जाच कर कोर्ट में इसका जवाब दें। मामले की अगली सुनवाई पर डीसी मामले से जुड़ा सारा रिकार्ड हाईकोर्ट में पेश करें। हाईकोर्ट ने फैसले में कहा कि एसडीएम की रोक के बावजूद संपति की सेल डीड रजिस्टर्ड हो गई। यह बेहद खेदजनक स्थिति है जहा बेटी और दामाद ने मिलकर सीनियर सिटीजन मा से धोखा किया। अथारिटी की रोक के बाद भी संपति की सेल डीड रजिस्टर्ड होती है तो इसमें याची की बेटी और दामाद के साथ संपत्ति के खरीददार भी धोखाधड़ी में भागीदार हैं। खरीददारों को यह जानकारी थी कि बेटी और दामाद संपत्ति के असली मालिक नहीं है, बावजूद इसके संपत्ति खरीद ली गई। ऐसे में संपत्ति बेचने और खरीदने वाले सभी लोगों पर एफआइआर दर्ज की जाए।


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