प्राइवेट एंबुलेंस गिरोह के सरगना को भेजा रिमांड पर
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ में बाहर के मरीजों को ले जाने के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले प्र
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ में बाहर के मरीजों को ले जाने के नाम पर मनमानी वसूली करने वाले प्राइवेट एंबुलेंस गिरोह के एक सरगना सतिंद्र सिंह उर्फ सत्ती को चार दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। वीरवार को थाना पुलिस ने उसे जिला अदालत में पेश कर सात दिन के रिमांड की मांग की। हालांकि अदालत ने चार दिन के रिमांड की मंजूरी प्रदान की। मामले में दिन के समय प्राइवेट एंबुलेंस चलाने वाले दूसरे गिरोह का सरगना फौजी मान फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहा है। वहीं, नयागांव निवासी सत्ती से पुलिस इस गोरखधंधे में अन्यों की मिलीभगत के बारे में उगलवा रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही कि इस रैकेट में कहां और किस के तार आपस में जुड़े हुए हैं।
सहारनपुर और लुधियाना में छापामारी की तैयारी
अब सत्ती की निशानदेही पर पुलिस मामले में अन्य आरोपी गगनदीप को लुधियाना और राजू को सहारनपुर से दबोचने के लिए छापेमारी करेगी। पुलिस आरोपी के जरिए दूसरे गिरोह से जुड़े लोगों को भी दबोचने की कोशिश में है। खरड़ और मोहाली के जंगलों से आरोपी से मोबाइल, सिम और वाहन की बरामदगी भी रिमांड का आधार रहा।
आरोपी को पुलिस ने काबू नहीं किया, खुद सरेंडर किया : बचाव पक्ष
बचाव पक्ष की तरफ से पेश वकील गगन अग्रवाल ने पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए दावा किया आरोपी को गिरफ्तार नहीं बल्कि उसने खुद सरेंडर किया है। आरोपी से कोई बरामदगी भी नहीं है, बचाव पक्ष ने सवाल उठाया कि आरोपी के सरेंडर के बाद 24 घंटों से अब तक पुलिस एक दिन में क्या किया? खरड़ तो कुछ घंटों में जाकर बरामदगी की जा सकती है। बचाव पक्ष का दावा है कि आरोपी से मोबाइल और सिम पहले ही बरामद किया जा चुका है। बचाव पक्ष की दलील थी कि अगर मामले में कोई दूसरा गैंग (गिरोह) है भी तो वह क्या कर सकता है? इसलिए रिमांड का कोई ठोस आधार नहीं बनता है।