कर्ज न लौटाने पर अखबारों में नोटिस पर रोक
-आरबीआइ के सर्कुलर का मामला विचाराधीन होने के कारण राहत ----------------- दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
-आरबीआइ के सर्कुलर का मामला विचाराधीन होने के कारण राहत
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दयानंद शर्मा, चंडीगढ़
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कर्ज न चुकाने पर अखबारों में डिफॉल्टरों के फोटो, नाम व अन्य जानकारी प्रकाशित करने के नोटिस पर रोक लगा दी है। जालंधर के अविनाश कपूर की ओर से बैंकों का कर्ज वापस न करने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
हाईकोर्ट ने अपने अंतरिम आदेशों में कहा कि आरबीआइ के 1 जुलाई, 2014 के सर्कुलर को जारी करने की पावर को चुनौती देने वाली याचिका विचाराधीन है। सर्कुलर का अधिकार कानूनी कसौटी पर तोला जा रहा है, तो ऐसे में इस सर्कुलर के आधार पर जारी किए गए नोटिस पर फिलहाल रोक लगाना जरूरी है। हालाकि कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि केवल इस नोटिस पर रोक लगाई गई है। कर्ज वसूली की कानूनी प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है। हाईकोर्ट ने मामले में याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए फिलहाल इस नोटिस पर रोक लगा दी है। साथ ही बैंक व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
याचिका दाखिल करते हुए अविनाश कपूर ने कहा कि कर्ज के एक मामले में बैंकों ने उन्हें नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया कि बैंक उनका नाम, फोटो और पते के साथ डिफॉल्टर के तौर पर अखबार में प्रकाशित करवाने जा रहा है। इस नोटिस को जारी करने के लिए आरबीआइ के 1 जुलाई, 2014 के सर्कुलर को आधार बनाया गया है। याचिकाकर्ता ने दलील दी कि आरबीआइ के इस तरह के सर्कुलर के अधिकार को लेकर पहले ही एक मामला विचाराधीन है। उस याचिका में आरबीआइ के ऐसे सर्कुलर जारी करने के अधिकार को लेकर कोर्ट सुनवाई कर रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट की खंडपीठ को इस पर फैसला लेना है। इस प्रकार की परिस्थितियों में इस सर्कुलर के आधार पर जारी किए गए नोटिस की कोई कानूनी मान्यता नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ता को जारी किया गया नोटिस खारिज किया जाए।