बदलदे रिश्ते में दिखी वासना और पैसे के बजाय जिंदगी की असलियत
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : युगातर आर्ट्स की तरफ से शनिवार को पंजाब कला भवन सेक्टर-16 में दो दिवसीय
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : युगातर आर्ट्स की तरफ से शनिवार को पंजाब कला भवन सेक्टर-16 में दो दिवसीय थिएटर फेस्टिवल के पहले दिन नाटक बदलदे रिश्ते का मंचन किया गया। नाटक में एक ऐसे पुरुष और महिला को पेश किया गया, जोकि वासना और पैसे के चक्कर में एक-दूसरे के पास आते है, लेकिन वह मात्र आकर्षण होता है। समय के साथ उनका आपस का आकर्षण खत्म हो जाता है। नाटक में एक पुरुष द्वारा दो शादी की जाती है, लेकिन बुढ़ापे के समय में अकेला होने के कारण तीसरी बार प्रीतो नामक युवती से शादी कर लेता है, जोकि उसके बेटे की उम्र की होती है। प्रीतो गरीब घर की बेटी होती है, जिसके कारण पुरुष के धन-दौलत को देखकर शादी की लेती है, वही पुरुष मात्र वासना का भूखा होता है। शादी के बाद प्रीतो को पुरुष के बेटे से प्यार हो जाता है और उसके साथ रिश्ते बनाने को तैयार हो जाती है। कुछ समय के बाद प्रीतो एक बेटे को जन्म देती है, जिसे बुजुर्ग पुरुष खुद का बेटा मानता है, जबकि बेटा खुद का मानता है। बुजुर्ग अपनी सारी संपति को प्रीतो के बेटे के नाम कर देता है, लेकिन उसी का बेटा, जोकि प्रीतो से प्यार करता है, वह कहता है कि वह उस बच्चे को मार दे और उसके साथ रहे। प्रीतो बुजुर्ग के बेटे की बात मान लेती है और अपने बेटे को मारकर उसके साथ रहने लग पड़ती है।
नाटक वही, जिसमें मिले संदेश
अश्वनी ने कहा कि वह जब नाटक लिखते हैं, तो चाहते हैं कि उससे लोगों को एक संदेश मिले। यह नाटक आम जिंदगी से ही निकले हैं, मसलन मैं जब पंजाब यूनिवर्सिटी में पड़ता था तो एक दिन मेरी एक दोस्त ने कहा कि प्यार व्यार में कुछ नहीं रखा, बस पढ़ाई के बाद किसी अमीर घर में शादी कर लो, यही बेहतर होता है। इसके बाद मैंने इसपर एक नाटक ही लिखा दिया, जिसका नाम रखा बदलदे रिश्ते। साल 2012 में पहली बार यह नाटक मनीमाजरा कलाग्राम मे प्रदर्शित किया था। दूसरा नाटक दोषी कौन, मैंने हाल ही में लिखा है, यह नाटक का लिखना भी दिलचस्प रहा।