फोन पर टिकट कैंसिलेशन के फैसले को यात्रियों ने सराहा
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईटेक होते रेलवे के प्रति यात्रियों का लगातार भरोसा और विश्वास बढ़ रहा ह
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : हाईटेक होते रेलवे के प्रति यात्रियों का लगातार भरोसा और विश्वास बढ़ रहा है। रेलवे के हाईटेक होने की इसी कड़ी में नया अध्याय जुड़ा है, फोन या एसएमएस कर टिकट कैंसिल करवाने की सुविधा का मिलना। यकीनन इस सेवा के शुरू होने से अब यात्रियों को न तो टिकट कैंसिल करवाने के लिए धक्के खाने पड़ेंगे और न ही घंटों लाइन में खड़े होकर परेशान होना पड़ेगा। अब आप अपने मोबाइल से रेलवे पूछताछ नंबर 139 पर फोन या एसएमएस करके टिकट रद करवा सकते हैं। खास बात यह है कि आप तभी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जब आपकी टिकट कंफर्म हो।
फोन पर प्रति मिनट 2 रुपये व एसएमएस पर 6 रुपये खर्चने होंगे
रेलयात्री आइआरसीटीसी के वेबसाइट पर जाकर भी इस सेवा का लाभ उठा सकते हैं। इस विशेष सुविधा के एवज में रेल यात्रियों को फोन पर 2 रुपये प्रति मिनट की दर भुगतान करना होगा। वहीं, 139 पर 2 एसएमएस कर 6 रुपये अदा करने होंगे। फोन से एसएमएस कर टिकट रद करने की सुविधा का रेलयात्री तभी लाभ उठा सकते हैं, जब आरक्षण फार्म भरते समय उन्होंने अपना मोबाइल नंबर दर्ज कराया हो। 139 पर फोन करने व एसएमएस करने के लिए उसी मोबाइल नंबर का प्रयोग करना होगा। काउंटर टिकट 139 या आइआरसीटीसी के वेबसाइट से कैंसिल होने के बाद आप रिफंड ले सकते हैं।
जहां से पकड़नी थी ट्रेन, वहीं से ले सकते हैं रिफंड
स्टेशन अधीक्षक टीपी सिंह का कहना है कि ट्रेन प्रस्थान होने के समय से 4 घंटे पहले टिकट रद कराने पर यात्री को रिफंड मिलेगा। इसके बाद नहीं। शाम 6 से सुबह 6 बजे के बीच ट्रेन होने पर अगले दिन सुबह काउंटर खुलने के 2 घंटे पहले टिकट दिखाकर यात्री रिफंड पा सकता है। रिफंड पाने के लिए यात्री को उसी स्टेशन पर जाना होगा, जहां से ट्रेन पकड़नी थी।
रेलवे का कदम सराहनीय
डीआरडीओ के पूर्व अधिकारी सतीश खौसला का कहना है कि यह सुविधा जितनी फायदेमंद टिकट कैंसिल करने वाले के लिए होगी, उतनी फायदेमंद उन लोगों के लिए है, जोकि टिकट की वेटिंग लिस्ट में होते हैं। रेलवे का यह कदम सराहनीय है।
सुविधा का सही मायने में लाभ मिले
ट्रेवल एजेंसी से जुड़े अशोक शर्मा का कहना है टिकट कैंसिलेशन की सुविधा का ऑनलाइन होना पयर्टन उद्योग से जुड़े के लोगों के लिए काफी मुनाफे वाला है, लेकिन दिक्कत यह है कि यह सेवा किस स्तर तक लोगों को सुविधा पहुंचा पाती है, इस पर अभी शक है। रेलवे को चाहिए कि वह इसके लिए विशेष स्टाफ की नियुक्ति करे। ऐसा न हो कि यह सुविधा केवल कागजी स्तर पर ही रहे और जब रेलयात्री फोन करें तो लाइनें बिजी आएं या एसएमएस रिसीव न हो।