पंजाब में सक्रिय हुए नीतीश के रणनीतिकार प्रशांत किशोर
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रणनीतिकार प्रशांत किशोर पंजाब में भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर कार्य करना शुरू कर दिया है/ वह इसके लिए चंडीगढ़ भी पहुंचे हैं।
चंडीगढ़, {कैलाश नाथ]। कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनवी रणनीतिकार रहे और अभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार प्रशांत किशोर पंजाब में सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने पंजाब में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की संभावित रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। इस सिलसिले में उन्होंने शुक्रवार को चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस के प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ लंबी मंत्रणा की।
बताया जाता है कि बैठक में राज्य के युवाओं में आम आदमी पार्टी के बढ़ते प्रभाव का लेकर मुख्य रूप से चर्चा हुई। कैप्टन से जुडऩे के बाद प्रशांत किशोर की यह पहली आधिकारिक बैठक थी। प्रशांत किशोर ने करीब पांच घंटे तक कैप्टन के साथ बैठक की।
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बताया जाता है कि उन्होंने पूरे पंजाब के राजनीतिक समीकरण, लोगों की मानसिकता, अकाली दल-भाजपा के राजनीतिक आधार के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के राज्य में राजनीतिक आधार पर लंबी चर्चा की। कांग्रेस के रणीतिकाराें का मानना है कि अगले चुनाव के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द आम आदमी पार्टी ही है।
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जानकारों का कहना है कि बादल सरकार से नाराज लोगों का जो जुड़ाव कांग्रेस के साथ होना चाहिए थे वह आप के साथ देखने को मिल रहा है। खासकर पंजाब का युवा आप को ज्यादा पसंद कर रहा है। यही कारण है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह युवाओं कोसाधने और उनसे संवाद बनाने में जुटे हुए हैं।
प्रशांत किशोर की ही सलाह ही पर उपचुनाव का किया बायकाट
यह भी बताया जात है कि प्रशांत किशोर की सलाह पर ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खडूर साहिब उपचुनाव का बायकाट करने का फैसला किया था, जबकि पार्टी हाईकमान उपचुनाव लडऩा चाहता था। उपचुनाव का बायकाट करने के कारण कांग्रेस न सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के निशाने पर आई, बल्कि पार्टी में भी खासी नाराजगी देखी गई।
साल के अंत में व्यूह रचना के साथ मोर्चा संभालेंगे
प्रशांत किशोर ने कैप्टन से राज्य के राजनीतिक समीकरणों की बारीकी से जानकारी हासिल की, ताकि वह अपनी रणनीति बना सकें। सूत्र बताते हैं कि प्रशांत किशोर ने कैप्टन को स्पष्ट किया कि अभी चुनाव में समय है, इसलिए साल के अंत में वह पूरी व्यूह रचना के साथ मोर्चा संभालेंगे। हालांकि समय-समय पर वह कैप्टन को सलाह देते रहेंगे।