80 वर्षीय गुरजीवन ने जापान में जीता गोल्ड
जागरण संवाददाता, मोहाली :मन में कुछ करने की चाह हो तो उम्र कभी आड़े नहीं आती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है
जागरण संवाददाता, मोहाली :मन में कुछ करने की चाह हो तो उम्र कभी आड़े नहीं आती। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिला मोहाली के 80 वर्षीय वेटरन खिलाड़ी गुरजीवन सिद्धू ने। सिद्धू ने गोला फेंकने के मुकाबले में जापान में स्वर्ण पदक जीत मोहाली का नाम चमकाया। गुरजीवन ने जापान के किटाकामा में गत 19 से 23 सितंबर तक चली 18वीं एशियन मास्टर एथलेटिक मुकाबलों में भारत का प्रतिनिधत्व करते गोला फेंकने के मुकाबले में हिस्सा लिया था।
इस मुकाबलें के दौरान हैमर थ्रो में गुरजीवन ने कास्य पदक जीता। अब वह 2015 में फ्रास में होने वाली खेलों की तैयारियों के लिए जुट गए हैं। मोहाली प्रशासन की ओर से गुरजीवन को जीत के लिए बधाई दी गई है। गुरजीवन पंजाब लोक संपर्क विभाग से ज्वाइट डायरेक्टर के पद से सेवानिवृत हुए है। इन दिनों पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत की प्रेक्टिस कर रहे हैं। गुरजीवन ने कहा कि खेलों से मुझे शुरू से ही लगाव है। इन्हीं की बदौलत मैं बिल्कुल फिट हू। आगे भी जब तक हू खेलों को ही अपना जीवन समर्पित रहूगा।
ये पुरस्कार भी इनके नाम
इससे पहले गुरजीवन ने 2006 में बेंगलूर में एशिया मीट के दौरान स्वर्ण पदक झटका था। इसके अलावा 2008 में थाइलैंड व 2012 में ताइवान में गोला फेंकने के मुकाबले में एशिया में नया रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने अलग अलग जगहों पर 11 बार गोला फेंकने के मुकाबलों में स्वर्ण पदक जीता। हैमर थ्रो में पाच बार गोल्ड, दो बार सिल्वर और दो बार कास्य पदक उनके नाम है। डिस्कस थ्रो में तीन बार अलग-अलग मुकाबलों में कास्य पदक गुरजीवन ने अपने नाम किए।