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अब केंद्र ही करेगा जुर्माना कम करने का फैसला

By Edited By: Published: Fri, 29 Aug 2014 02:39 AM (IST)Updated: Fri, 29 Aug 2014 02:39 AM (IST)
अब केंद्र ही करेगा जुर्माना कम करने का फैसला

ओम रतूड़ी, चंडीगढ़

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चंडीगढ़ में बिल्डिंग मिसयूज और वॉयलेशन के नाम पर जुर्माने का फैसला न अफसर करेंगे, न सांसद और न यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल। यह फैसला अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ही करेगा। बुधवार को इस मामले में यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल ने सलाहकार केके शर्मा और वित्त सचिव सर्वजीत सिंह को राजभवन तलब किया। वहीं फैसला लिया गया कि वित्त सचिव आइएएस सर्वजीत सिंह द्वारा तैयार 7 रुपये प्रति वर्ग फुट यानी 210 रुपये प्रति वर्ग फुट प्रति माह बिल्डिंग मिसयूज और वॉयलेशन जुर्माने का नया प्रस्ताव ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। जो फैसला होगा वह भारत सरकार ही करेगी।

500 रुपये वर्ग फुट के जुर्माने का विरोध कर रहे हैं व्यापारी

ज्ञात रहे कि हाल ही में चंडीगढ़ के दौरे पर आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के सामने पहले से ही 500 रुपये वर्ग फुट के जुर्माने का विरोध कर रहे शहर के उद्योगपतियों, व्यापारियों ने इसे कम करने की जोरदार मांग की थी। वहीं, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के जाने के बाद राजभवन के इशारे पर यूटी के वित्त सचिव आइएएस सर्वजीत सिंह ने 7 रुपये प्रति वर्ग फुट यानी 210 रुपये प्रति वर्ग फुट महीना जुर्माने का नया प्रस्ताव तैयार कर यूटी प्रशासक शिवराज पाटिल के पास भेज दिया, लेकिन कलेक्टर रेट व प्रति वर्ग फुट जुर्माने को कम कर राहत देने के अभियान में लगे वित्त सचिव सर्वजीत सिंह के इस फैसले पर भी शहर के उद्योगपतियों और व्यापारियों ने आपत्ति की। वे सांसद किरण खेर के दरबार में जा पहुंचे और सासद किरण खेर ने फोन कर इस प्रस्ताव को भी वापस लेने की मांग करते हुए अधिनियम के अनुसार मात्र 10 रुपये प्रति वर्ग फुट जुर्माना लेने को कहा। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में प्रशासक से भी वार्ता करेंगी।

अधिनियम में मात्र 10 या 20 रुपये जुर्माने की बात स्पष्ट नहीं

वित्त सचिव सर्वजीत सिंह ने विशेष बातचीत में माना कि उनके पास सांसद किरण खेर का फोन भी आया था। आखिर वे जनप्रतिनिधि हैं और उनका जनता के प्रति दायित्व भी है। उन्होंने बताया कि प्रशासन व्यापारियों और उद्योगपतियों को बिल्डिंग मिसयूज और वॉयलेशन के नाम पर जुर्माने में राहत देना चाहता है, लेकिन अब यह फैसला केंद्र सरकार ही करेगी। उन्होंने बताया कि अधिनियम में मात्र 10 या 20 रुपए जुर्माने की बात स्पष्ट नहीं है, मात्र अब एक छोटे दुकानदार और बड़े उद्योगपति पर बिल्डिंग मिसयूज और वॉयलेशन करने पर मात्र 10 रुपये या 20 रुपये जुर्माना कैसे लेना संभव है। वहीं प्रशासन ने तो मात्र 7 रुपये प्रति वर्ग फुट बिल्डिंग मिस्यूज और वॉयलेशन जुर्माने का प्रस्ताव बनाया है।

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- 210 रुपये प्रति वर्ग फुट जुर्माना अधिक है। प्रशासन के नए आदेश जारी होते ही हम हाईकोर्ट में जाएंगे।

-चरनजीव सिंह, अध्यक्ष चंडीगढ़ व्यापार मंडल

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प्रशासन व्यापारियों और उद्यमियों को राहत देना चाहता है, मात्र 7 रुपये प्रति वर्ग फुट बिल्डिंग मिसयूज और वॉयलेशन जुर्माने का प्रस्ताव बनाया गया है।

- सर्वजीत सिंह, वित्त सचिव


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