महिला अधिकारों पर आवाज बुलंद की
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान लागू होने से पहले ही स्त्री समानता की बात उठाते हुए महिलाओं के लिए भी आरक्षण की बात उठाई थी, लेकिन हम आज भी महिलाओं के लिए समान अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं।
पंजाब विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स सेंटर पर अंबेडकर स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से कराई गई विचार चर्चा जिसमें यूनियन के मेंबर्स के अलावा दूसरे स्टूडेंट्स भी शामिल हुए। अर्शदीप ने इस बात पर जोर दिया कि यदि समाज में बराबर जगह चाहिए तो पहले दलित वर्ग को पढ़ाना होगा। किसी भी वर्ग की शिक्षा के बिना उनके जीवन स्तर में सुधार संभव नहीं है। आप खाना दे सकते हैं, कपड़ा दे सकते हैं लेकिन साफ-सुथरा रहने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए शिक्षा जरूरी है।
सनी मेहता ने पॉलिटिकल पार्टियों की महिलाओं के प्रति सोच को उपेक्षित बताया और कहा कि महिलाओं को संसद में 33 फीसदी आरक्षण देने वाला बिल अब तक पास नहीं हुआ है।