अब लाइसेंस पर लिखा जाएगा 'ऑर्गन डोनर'
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ प्रशासन ने चंडीगढ़ रजिस्ट्रेशन लाइसेंसिंग अथारिटी(आरएलए) को नए लाइसेंस में ऑर्गन डोनर के नाम लिखने का विकल्प सुझाया है, इससे अंग दान की मुहिम में तेजी की उम्मीद जाग गई है। पीजीआइ प्रशासन ने यूटी के पूर्व डीआइजी आलोक कुमार को पत्र लिखकर इस बाबत प्रस्ताव आगे बढ़ाने को कहा था जो फिलहाल अंतिम चरण पर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही आरएलए को इस बाबत दिशा निर्देश मिल जाएंगे।
मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान हिपेटोलॉजी विभाग के डॉ. आरके धीमान, डॉ. अजय दुसैजा और अरुनांशु बेहेरा ने बताया कि अंगदान की मुहिम को तेज करने के मंतव्य से यह कदम उठाया जा रहा है। फिलहाल पीजीआइ में हर साल 50 से 100 ब्रेन डेड लोग पहुंचते हैं, जिनमें महज 10 प्रतिशत मरीजों के परिजन ही अंगदान करने को राजी होते हैं। अंगदान से मरीज का लीवर, हार्ट, किडनी, कॉर्निया इत्यादि निकालकर ऐसे मरीजों में प्रत्यारोपित किए जा सकते हैं जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं।
वीरवार को पीजीआइ के भार्गव ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसमें अंगदान करने वाले और अंग पाने वाले मरीजों से रूबरू कराया जाएगा।
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