छेड़छाड़ की श्ािकायत की तो पूरे मोहल्ले का पानी बंद किया
बठिंडा में एक घर में घुसकर लड़की से छेड़छाड़ करने वाले युवक के खिलाफ पुलिस में शिकायत करना लड़की के परिवार के साथ पूरे माेहल्ले लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मामला वापस लेने का दबाव बनाने के लिए मोहल्ले के लोगों का पीने का पानी बंद कर दिया।
बठिंडा [सुनील प्रभाकर]। शहर के धोबियाना बस्ती में एक घर में घुसकर लड़की से छेड़छाड़ करने वाले युवक के खिलाफ पुलिस में शिकायत करना लड़की के परिवार के साथ पूरे माेहल्ले लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मामला वापस लेने का दबाव बनाने के लिए मोहल्ले के लोगों का पीने का पानी बंद कर दिया गया। उनसे कहा गया कि अगर पानी चाहिए, तो अदालत में समझौता कर केस वापस ले लो।
बताया गया है कि 21 जून को उक्त मोहल्ले में रहने वाले शादीशुदा युवक विजय एक घर में मौका पाकर जबरन दाखिल हो गया था और वहां एक लड़की से जबरदस्ती की कोशिश करने लगा। लड़की ने उसका विरोध किया और वह नहीं माना तो शोर मचा दिया था। इसके बाद आरोपी वहां से भाग गया था। इसके बाद परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने मामले की जांच के बाद 26 जून को विजय के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कर लिया।
मोहल्ले में एक ही सार्वजनिक नल था, जो सबकी पानी की जरूरत को पूरा करता था। मामला दर्ज होने के बाद 27 जून को मोहल्ले के सार्वजनिक नल को उखाड़ दिया गया। मोहल्ले वाले जब कहीं और से पानी भरने लगे, तो उन पर कुछ लोगों ने इस मामले में समझौता करने को कहा। उनका कहना था कि बिना इस मामले में शिकायत वापस लेकर समझौता किए पानी नहीं मिलेगा। कथित दबाव बनाकर मोहल्ले वालों को पानी की सुविधा देने से मना कर दिया गया। मोहल्ले के पीडि़त लोगों का कहना है कि सत्ता पक्ष से जुड़ी महिला रानी कौर ने दबाव बनाया कि समझौता कर लो, जब तक छेड़छाड़ का आरोपी जेल से बाहर नहीं आता, तब तक किसी को पानी नहीं मिलेगा। मगर, मोहल्लावासियों का कहना है कि चाहे पानी के साथ उनकी रोटी भी बंद कर दें, लेकिन पीडि़त लड़की को इंसाफ दिलाया जाएगा। किसी भी हाल में समझौता नहीं किया जाएगा। उधर, रानी कौर ने उस पर समझौते के लिए लगे आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि किसी वाहन की टक्कर से सार्वजनिक नल उखड़ गया। रानी कौर ने कहा कि पुडा यहां से झुग्गी-झोंपड़ी हटाने की तैयारी कर रही है और ये लोग बेवजह इस बात को मुद्दा बना रहे हैं।
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क्रद्गश्चशह्म्ह्लद्गह्म् ष्ठद्गह्लड्डद्बद्यह्य :
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