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निगम अधिकारियों ने जांच कमेटी की चौथी बैठक में पेश किया अधूरा रिकार्ड

संस, ब¨ठडा स्वच्छ भारत अभियान और आउटसोर्सिंग के तहत नगर निगम में हुई भर्ती प्रक्रिया में धा

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 May 2017 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 20 May 2017 03:01 AM (IST)
निगम अधिकारियों ने जांच कमेटी की चौथी बैठक में पेश किया अधूरा रिकार्ड
निगम अधिकारियों ने जांच कमेटी की चौथी बैठक में पेश किया अधूरा रिकार्ड

संस, ब¨ठडा

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स्वच्छ भारत अभियान और आउटसोर्सिंग के तहत नगर निगम में हुई भर्ती प्रक्रिया में धांधली की आशंका सामने आने के बाद गठित की गई जांच कमेटी की चौथी बैठक में भी निगम अधिकारियों ने आधा अधूरा रिकार्ड पेश किया। इस पर जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा कि अब हर दो दिन बाद कमेटी के सदस्य अधिकारियों के साथ बैठेंगे व इसमें शामिल सभी तथ्यों को जनता के सामने पेश किया जाएगा। वही चेतावनी दी गई कि अगर अगली बैठक तक मांगे गए दस्तावेज जमा नहीं करवाए जाते तो इसे अवमानना मानकर इसकी लिखित शिकायत की जाएगी। फिलहाल कमेटी ने तय किया कि वह इस मामले की जांच हर दो दिन बाद अधिकारियों के साथ बैठकर करेंगे वही पूरी कमेटी व अधिकारियों की बैठक शुक्रवार 26 मई को आयोजित की जाएगी। बैठक में जसबीर ¨सह जस्सा, प्रीतम कौर, कमलेश रानी, अंजना रानी, बल्ली आदि खास तौर पर उपस्थित थे।

कमेटी के सदस्य व पार्षद जसबीर ¨सह जस्सा ने कहा कि नौकरी देने में घपला हुआ है या नहीं यह तो जांच का विषय है, लेकिन कमेटी चाहती है कि इस पूरे मामले में पारदर्शिता सामने आए व आने वाले समय में ऐसे लोगों को सबक मिलेगा जो मनमाने ढंग से नियमों को ताक पर रखकर काम करते हैं। वही कमेटी के सामने अधिकारियों ने दावा जताया कि नौकरी सरकार से मंजूरी लेने के साथ अधिकारियों के पैनल की तरफ से सभी कागजों की जांच पड़ताल करने के बाद ही प्रदान की गई है। इसमें घपले की संभावना ही नहीं है। वही पार्षदों ने कहा कि 262 कर्मचारियों का जो रिकार्ड अब तक देखा गया है उसमें दफ्तरी स्टाफ के 16 कर्मचारी ऐसे हैं जिन्हें संदेह के आधार पर कटघरे में रखा गया है। इन तमाम कर्मचारियों की फाइलें अलग से कमेटी के सामने पेश करने की हिदायत दी गई है। वही इन कर्मचारियों ने जो अनुभव अपने फार्म में दर्ज किया है, उसमें कहा गया है कि जिस कंपनी के पास कर्मचारियों ने काम किया है उस कंपनी की तरफ से उन्हें जारी की गई सैलरी की स्टेटमेंट व सैलरी स्लिप देने के लिए कहा गया है। सैलरी स्लिप से सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। कमेटी सदस्यों ने अधिकारियों से कहा कि जो फाइलें उन्हें दी जा रही है उसमें कागज पूरे हैं लेकिन इन्हें क्रम अनुसार नहीं लगाया गया है। इससे यह तय नहीं हो रहा है कि नौकरी के लिए जो दस्तावेज मांगे गए थे व किस तरह से जमा करवाए गए व इसमें जांच पड़ताल का पैमाना सलेक्शन कमेटी की तरफ से क्या निर्धारित किया गया था।


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