मोबाइल एंबुलेंस शुरू नहीं हुई, न एप पर दी गई बुकिंग की सुविधा
जासं, ब¨ठडा : हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग का मोबाइल एप और ग्रीन एंबुलेंस की प्रस्तावित यो
जासं, ब¨ठडा : हरियाली को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग का मोबाइल एप और ग्रीन एंबुलेंस की प्रस्तावित योजना बीच में रह गई, उल्टा पौधरोपण का लक्ष्य घटा दिया गया है। न तो एप पर पौधों की बु¨कग हो रही हैं व न ही पूर्व घोषणा के अनुसार ग्रीन एंबुलेंस लोगों तक पौधे पहुंचा रही है। इस बार जिले में 109 हैक्टेयर में पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष 211 हैक्टेयर था। वन विभाग जिले में स्थित 13 नर्सरियों में इस बार 9 लाख पौधे तैयार किए हैं। पिछले साल की अपेक्षा दोगुने पौधे तैयार किए गए हैं। गत वर्ष विभाग के डीएफओ डॉ. संजीव कुमार तिवारी ने ट्रायल के तौर पर मोबाइल एप 'सुजेस्ट ए ट्री स्पॉट' मोबाइल लांच किया था, तब जुलाई के अंतिम सप्ताह में लांच इस एप पर 30 हजार पौधों की बु¨कग आई थी। इससे विभाग को यह भी पता चला था कि पौधों की मांग कहां हो रही है। वहीं लोगों के लिए भी घर बैठे ही पौधों की डिमांड करना संभव हुआ। तब घोषणा हुई थी कि अगले वर्ष मोबाइल एप का दायरा बढ़ाया जाएगा, लेकिन इस बार पौधरोपण के सीजन में मोबाइल एप चलाया नहीं गया।
वाहनों को दिया जाना था एंबुलेंस का रूप
वन विभाग ने योजना बनाई थी कि इस बार पौधों को लोगों तक पहुंचाने के लिए विभाग के वाहनों को ग्रीन एंबुलेंस के तौर पर उपयोग में लिया जाएगा। इसमें पौधे रखकर स्पॉट तक पहुंचाए जाने थे, ताकि नर्सरियों से पौधे न ले जा सकने वाले लोग भी ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करें, लेकिन मोबाइल एंबुलेंस शुरू नहीं की गई। योजना कागजों में ही रह गई।
मानसून की बेरूखी से प्रभावित हो सकता है लक्ष्य
वन विभाग इस 109 हैक्टेयर में अपने स्तर पर पौधरोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, यानि 1 लाख 9 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा 45 हजार पौधे मुफ्त में वितरण और 45 हजार पौधे बेचने का लक्ष्य निर्धारित किया है, यानि 1 लाख 99 हजार पौधे लगाए जाएंगे। गत वर्ष 211 हैक्टेयर में 2 लाख 11 हजार पौधे लगा दिए थे। इस बार मानसून की बेरुखी से पौधरोपण अभियान प्रभावित होने की आशंका है।
मंडल वन अधिकारी बोले, मोबाइल एप और ग्रीन एंबुलेंस का पता नहीं
मोबाइल एप और ग्रीन एंबुलेंस का पता नहीं। लोग खुद ही पौधे लेकर जा रहे हैं। पौधरोपण का लक्ष्य राज्य सरकार निर्धारित करती है जिसे इस सीजन में पूरा कर लिया जाएगा।
हरभजन ¨सह, मंडल वन अधिकारी, ब¨ठडा।