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लू और धूलभरी हवा ने बढ़ाई परेशानी, गर्मी का असर बढ़ा

जासं, ब¨ठडा वातावरण में शुष्कपन बढ़ने की वजह से गर्मी के तेवर दिन प्रतिदिन तीखे होते जा रहे हैं। ल

By Edited By: Published: Fri, 29 Apr 2016 08:41 PM (IST)Updated: Fri, 29 Apr 2016 08:41 PM (IST)
लू और धूलभरी हवा ने बढ़ाई परेशानी, गर्मी का असर बढ़ा

जासं, ब¨ठडा

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वातावरण में शुष्कपन बढ़ने की वजह से गर्मी के तेवर दिन प्रतिदिन तीखे होते जा रहे हैं। लू की वजह से गर्मी का प्रभाव बढ़ रहा है। शुक्रवार को लू और धूलभरी हवाओं ने गर्मी का प्रभाव बढ़ा दिया। इससे दिनभर गर्मी के कहर ने लोगों को परेशान किया। शहर तंदूर की तरह तपता रहा। मौसम विभाग ने अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस इजाफे के साथ 40.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस गिरावट के साथ 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। हवा में नमी सुबह 63 प्रतिशत और शाम को 11 प्रतिशत थी। आसमान साफ होने की वजह से सुबह से ही गर्मी का प्रभाव रंग दिखाने लगा था। सुबह 11 बजे के बाद लू चलने लगी। दोपहर 12 बजे लू का असर परवान पर आने से गर्मी ने लोगों पर कहर बरपाना शुरू कर दिया। इससे एक तरफ सड़कों पर घूमने वाले लोगों को गर्मी ने बेहाल किया। दूसरी तरफ बाजार और आबादी क्षेत्र की सड़कों पर आवाजाही भी कम हो गई। गर्मी से बचने के लिए लोगों ने घरों में ही कूलर और एसी चलाकर आराम करने में भला समझा। वातावरण में गर्माहट ज्यादा होने की वजह से पंखों ने गर्म हवा देकर राहत देने के बजाय आहत किया। दोपहर में कई बार रूक रूक कर धूलभरी हवाएं चली। मौसम विभाग के अनुसार हवाओं की गति 6 किलोमीटर प्रति घंटा तक रही। हवाओं से उड़ी धूल ने लोगों की परेशानी बढ़ाई। लू का असर शाम तक महसूस किया गया। सूरज ढलने के बाद मौसम का मिजाज बदला तो लोगों को राहत मिली। तब सड़कों पर लोगों की चहल पहल बढ़ी।

इससे पहले बुधवार को अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री सेल्सियस था।

दो दिन और ज्यादा गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान

मौसम विभाग के स्थानीय कार्यालय प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. राजकुमार पाल ने बताया कि इन दिनों पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। अगले दो दिनों तक आसमान साफ रहने की संभावना है। ऐसी स्थिति में शनिवार और रविवार को भी ज्यादा गर्मी पड़ने के आसार हैं। दो दिन तक लू का प्रभाव बरकरार रहने की संभावना है। डॉ. पाल के अनुसार पश्चिमी हवाएं लंबे चौड़े रेगिस्तानी क्षेत्र से गुजर कर आती हैं। इससे हवाओं की नमी कम होने की वजह से वातावरण में शुष्कपन बढ़ता है। जो लू की वजह बनती है।


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