फसल खराब होने से परेशान किसान ने की आत्महत्या
जासं, ब¨ठडा नरमे की फसल खराब होने से परेशान एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। किसान सुखमंद्र ¨सह
जासं, ब¨ठडा
नरमे की फसल खराब होने से परेशान एक और किसान ने आत्महत्या कर ली है। किसान सुखमंद्र ¨सह (42) पुत्र लाभ ¨सह निवासी बह्मण दीवाना ने रविवार सुबह पहले खेत में कीटनाशक पी ली और फिर खेत में ही बने कमरे में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। गौर हो कि फसल खराब होने के चलते परेशान किसान द्वारा मौत को गले लगाने की यह दस दिन में दूसरी घटना है। इससे पहले 23-24 सितंबर की रात को बठिंडा में किसानों के धरने में गांव चुग्घेकलां के किसान कुलदीप ¨सह ने सल्फॉस खाकर आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस के अनुसार किसान सुखमंद्र ¨सह के परिवारजनों ने बताया है कि उनके पास ढ़ाई एकड़ जमीन है। सुखमंद्र ¨सह ने तीन एकड़ जमीन 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ठेके पर ली थी। इस पर उसने नरमे की बिजाई की थी। सफेद मक्खी की मार से नरमे की फसल तबाह होने से सुखमंद्र के खेत में खड़ी नरमा की फसल बिल्कुल तबाह हो गई थी। इससे वह परेशान था। उसने दो दिन पहले ही नरमे की फसल ट्रैक्टर चलाकर खेत में मिला दी थी। सुखमंद्र पर बैंक व आढ़ती का छह लाख रुपये कर्ज था।
उधर, सुखमंद्र का शव बाद में सहारा जनसेवा के कार्यकर्ताओं ने खेत में बने कमरे में से नीचे उतारा और सिविल अस्पताल पहुंचा। थाना सदर के एसएचओ परमजीत ¨सह डोड ने बताया कि मृतक के पिता लाभ ¨सह के बयान पर शिकायत दर्ज कर ली गई है। वहीं भाकियू (क्रांतिकारी) के प्रदेशाध्यक्ष सुरजीत ¨सह फूल व भाकियू (एकता उग्राहां) के प्रदेशाध्यक्ष जोगेंद्र ¨सह उगराहां ने मांग की है कि मृतक सुखमंद्र ¨सह के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार उसके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने सहित सारे कर्ज को माफ करवाए।