निगम चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज, पोस्टरवार शुरू
जागरण संवाददाता, बठिंडा आगामी 20 फरवरी को निगम चुनाव की संभावना को देख शहर में राजनीतिक हलचल अचानक
जागरण संवाददाता, बठिंडा
आगामी 20 फरवरी को निगम चुनाव की संभावना को देख शहर में राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई हैं। इसके साथ ही राजनीतिक दल जहां टिकट को लेकर अंदरखाते विचार मंथन करने में जुटे हैं, वहीं टिकट ऐलान से पहले ही संभावित प्रत्याशियों के बीच पोस्टरवार शुरू हो गया। शहर के सभी चौक चौराहे व बिजली के खंभे के अलावा सार्वजनिक जगहों पर संभावित प्रत्याशियों द्वारा पोस्टर व बैनर लगाए जाने के बावजूद निगम के अधिकारी खामोश हैं, जिसकी वजह से निगम अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए हैं। चुनाव आयोग ने अभी तक अधिकारिक रूप से निगम चुनाव संबंधी कोई ऐलान नहीं किया है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि आगामी 20 फरवरी की तारीख तय की जाएगी। इसे देख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है। हालांकि, अभी तक राजनीतिक दलों ने टिकट का ऐलान नहीं किया, लेकिन संभावित प्रत्याशियों के बीच पोस्टरवार शुरू हो गया है। आलम यह है कि सभी चौक चौराहे के अलावा बिजली व टेलीफोन के खंभे पर मकर संक्रांति, गणतंत्र दिवस आदि पर जहां बधाई संदेश देते नजर आ रहे हैं, वहीं कुछ प्रत्याशियों ने इलाके की संभावित बुनियादी मुद्दे को पोस्टर के माध्यम से उठाना शुरू कर दिया है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि शहर के लाइनपार इलाके में ही पोस्टरवार चरम पर है, जिसमें लाइनपार इलाके में अभी तक मिनी सिटी बस सेवा शुरू नहीं होना, कई इलाके में सीवरेज सुविधा नहीं मिलना और स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं चुनाव जीतते ही जल्द मुहैया करवाने का भी वायदा किया जा रहा है। हालांकि, इसी तरह के पोस्टर लगाने वाले पूर्व पार्षद विजय कुमार का कहना है कि उन्होंने पांच वर्षो में लाइनपार इलाके को उपेक्षित रखे जाने का मुद्दा लोगों के समक्ष प्रमुखता से उठाया है, ताकि लाइनपार इलाके के लोगों को पता चल सके कि पांच वर्षो तक उन्हें किस तरह ठगा गया है। इसके साथ ही निगम के अधिकारियों पर भी सवाल उठने लगे कि बिना अनुमति के शहर में लग रहे चुनावी पोस्टर के बावजूद उसे हटाया नहीं जा रहा है। इस तरह के पोस्टर लगाने वालों में सभी राजनीतिक दलों के संभावित प्रत्याशियों के अलावा सामाजिक संगठन भी शामिल हैं।
उधर, पोस्टरवार के बीच राजनीतिक दलों ने टिकट को लेकर भी संभावित प्रत्याशियों ने अंदरखाते विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। हालांकि, मुख्य संसदीय सचिव सरूप चंद सिंगला समेत कई अकाली नेता दिल्ली चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, जिसकी वजह से अकाली दल का चुनावी मुहिम फिलहाल ठप हो गया है। बहरहाल, सभी की निगाहें चुनाव आयोग के अगले ऐलान पर हैं, जिसमें आयोग की ओर से बकायदा अधिकारिक रूप से चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।