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अधिकारियों की कोठियों का घेराव विफल

जासं, बठिंडा जिला पीडब्ल्यूडी तालमेल संघर्ष समिति के आंदोलनरत कर्मचारियों द्वारा दो एक्सईएन की कोठ

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 02:22 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 02:22 AM (IST)
अधिकारियों की कोठियों का घेराव विफल

जासं, बठिंडा

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जिला पीडब्ल्यूडी तालमेल संघर्ष समिति के आंदोलनरत कर्मचारियों द्वारा दो एक्सईएन की कोठियों का घेराव करने का कार्यक्रम पुलिस ने विफल कर दिया। इसके तहत वीरवार को मुख्य वाटर व‌र्क्स में धरने पर बैठे कर्मचारियों को पुलिस ने उस समय गेट पर ही रोक लिया, जब वे एक्सईएन नंबर 1 जसजीत सिंह गिल के मॉडल टाउन फेस-1 और एक्सईएन नंबर 2 जगदेव सिंह चहल की कमला नेहरू कॉलोनी स्थित कोठी का घेराव करने के लिए रवाना होने वाले थे।

इस पर प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने पुलिस कार्रवाई पर रोष जताया। साथ ही चेतावनी दी कि वे हर हाल में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दोनों एक्सईएन की कोठियों का घेराव करेंगे। इस दौरान माहौल बिगड़ता देख मौके पर मौजूद थाना कैंट के एसएचओ मोहन लाल व अन्य पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझाया कि वे कोठियों के घेराव का कार्यक्रम स्थगित कर दें और उनकी अधिकारियों से बातचीत करवा दी जाएगी। इसके बाद एक्सईएन नंबर 3 जसविंद्र सिंह से संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल में शामिल समन्वयक सुखमहेंद्र सिंह धालीवाल, प्यारे लाल, केवल सिंह, रणजीत सिंह, किशोर चंद, केवल सिंह, सुखचैन सिंह व बलराज सिंह आदि में बातचीत हुई।

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अब धरना स्थगित, पांच को होगा विरोध प्रदर्शन

संघर्ष समिति के प्रतिनिधि केवल सिंह ने बताया कि एक्सईएन जसविंद्र सिंह ने आश्वासन दिया है कि उन्हें ग्रेड पे 3200 व 1900 के बारे में शुक्रवार तक लिखित जवाब दे दिया जाएगा। उनकी सर्विस बुक को जल्द ठीक कर दिया जाएगा। इस पर संघर्ष समिति ने ठोस कार्रवाई न होने पर पांच नवंबर को फिर धरना लगाने की चेतावनी दी है। केवल सिंह के अनुसार शुक्रवार से चार नवंबर तक धरना स्थगित रहेगा।

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कर्मचारी ग्रेड पे घटाने का कर रहे हैं विरोध

पीडब्ल्यूडी तालमेल संघर्ष समिति तृतीय श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड पे 3200 से घटाकर तीन हजार करने का विरोध कर रही है। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का ग्रेड पे 1650 रुपये से बढ़ाकर 1900 करने, सर्विस बुकों को अपडेट करने, जलापूर्ति योजनाएं ठेके पर न देने, पंचायतों से जल योजनाएं वापस लेकर विभाग को देने, ठेका प्रथा बंद करने, अस्थाई कर्मचारियों को समय पर वेतन देने की मांग कर रही है।


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