छठव्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को अर्घ्य
जागरण संवाददाता, बठिंडा सूर्य उपासना का महापर्व छठ की छटा से बुधवार को शहर के कई इलाके भक्तिमय हो
जागरण संवाददाता, बठिंडा
सूर्य उपासना का महापर्व छठ की छटा से बुधवार को शहर के कई इलाके भक्तिमय हो उठे। इस दौरान छठव्रतियों ने छठ गीतों की स्वर लहरी के साथ शाम को नहर किनारे डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। अब छठव्रती वीरवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे। इस बार पिछली घटना से सबक लेते हुए जहां नहर में पानी के बहाव को कम कर दिया गया था, वहीं सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस सहित ट्रैफिक पुलिस की भी तैनाती की गई थी। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के बावजूद सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा।
गौर हो कि छठ पूजा विशेष रूप से संतान सुख और संतान की दीर्घायु के लिए की जाती है। शहर में रहने वाले बिहार, उत्तर प्रदेश सहित पूर्वाचल के हजारों लोगों द्वारा घरों में छठ पूजा का आयोजन किए जाने से शहर में छठ पूजा का रंग गत कई दिनों से छाया हुआ है। गत सोमवार से ही छठ पूजा के अनुष्ठान का क्रम शुरू हो गया था। अनुष्ठान के क्रम में मंगलवार को खरना हुआ। इसके बाद बुधवार को निर्जला व्रत रखते हुए सायं के वक्त डूबते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया गया। धूप, दीप व अगरबत्ती से आरती की गई और बांस की टोकरी में सजाकर लाए सब्जी, फल, ठेकुआ, गुजिया एवं अन्य मीठे पकवान, ईख आदि से भगवान सूर्य को भोग लगाया और हाथ जोड़कर सुख-समृद्धि की कामना की। शाम होते ही श्रद्धालु नंगे पांव तथा सिर पर सामग्री से सजी टोकरी व दीपक जलाकर ढोल-धमाकों के साथ घाट की ओर कूच करने लगे।
रंग-बिरंगी बिजली की लड़ियों से सजे घाट पर श्रद्धालुओं ने सूर्य भगवान को खुश करके उनका आशीर्वाद हासिल करने की मंशा से घी व तेल के दीपक जलाए तथा बम-पटाखे भी फोड़े। चारों ओर खुशी व उमंग का माहौल रहा और हर कोई अस्त होते सूर्य की झलक पाने व नमन को उतावला होकर पानी में उतर रहा था। घाट के किनारे जुटे श्रद्धालु महिलाओं ने सूर्य भगवान का गुणगान भी किया। इस दौरान लोग दूरदराज व आसपास के इलाकों से टेंपो, रिक्शा व ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर भी पहुंचे। इस दौरान नहर किनारे का माहौल पूरी तरह से भक्तिमय बना हुआ था। यही हाल, सैन्य, रिफाइनरी व एनएफएल इलाके में भी दिखा। उक्त इलाकों में सुबह से ही छठ गीत से माहौल भक्तिमय बना हुआ था। नहर में पानी कम होने से छठव्रतियों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई।
बहरहाल, भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए आने वाले छठव्रतियों द्वारा 'केलवा के पात पर उगेलन सूरज देव, भई अरग के बेर..' और 'हे दीनानाथ दर्शन दी ही न अपन..' गाए गीत से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ था।