'आवाज मालवे दी' को नहीं मिले प्रतियोगी
जागरण संवाददाता, बठिंडा कभी पंजाबी गायकों की नर्सरी कहे जाने वाले बठिंडा व मानसा जिले की नई पीढ़ी
जागरण संवाददाता, बठिंडा
कभी पंजाबी गायकों की नर्सरी कहे जाने वाले बठिंडा व मानसा जिले की नई पीढ़ी ने अब पंजाबी लोक गायकी से दूरी बना ली है, जिसकी ताजा मिसाल शनिवार को मालवा हेरीटेज व सभ्याचारक फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'आवाज मालवे दी' प्रतियोगिता में देखने को मिली। प्रतियोगिता के आयोजक पंजाबी लोक गायकी, गीत मुकाबलों के लिए प्रतियोगियों के आने का इंतजार करते रहे। प्रतियोगिता के प्रथम दिन बठिंडा व मानसा जिला से प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 14 साल तक के बच्चों को आंमत्रित किया गया था, लेकिन लंबे इंतजार के बाद भी महज 14 प्रतिभागी ही मंच पर आए। कुछ ऐसा ही हाल दर्शकों का भी रहा। गीत प्रतियोगिता में दर्शकों के लिए लगाई गई कुर्सियां खाली ही पड़ी रही। जबकि प्रतिभागी व आयोजकों ने ही अधिक से अधिक कुर्सियों की खाली जगह को पूरा करने का प्रयास किया। दर्शकों की कमी का असर मंच पर प्रस्तुति देने पहुंचे प्रतियोगियों की परफार्मेस पर भी देखने को मिला।
दो नवंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में मुक्तसर, फाजिल्का, फरीदकोट, फिरोजपुर, मोगा व बरनाला के बच्चों को भाग लेने के लिए आंमत्रित किया गया है। इनमें से चयनित 24 बाल गायकों का मुकाबला आठ नवंबर को करवाया जाएगा। इसमें प्रथम पांच विजेताओं को कैश मनी दी जाएगी। प्रतियोगिता के पहले दिन ही प्रतिभागी न मिलने से आयोजकों की चिंता बढ़ गई है।