'की करना चौणां तों, कोई जित्ते कोई हारे..'
बठिंडा : गांव जीवन सिंह वाला के करीब एक दर्जन बुजुर्ग तलवंडी मुख्य मार्ग के किनारे बैठ कर ताश खेलने में मशगूल हैं, लेकिन इस दौरान आपस में उम्मीदवारों के हार-जीत को लेकर भी चर्चा कर रहे हैं। इस दौरान गांव के पूर्व सरपंच छिंदर सिंह कहते हैं कि चुनाव के दिन ही वोट देने का फैसला किया जाएगा, अभी तो सिर्फ उम्मीदवारों को परख रहे हैं। इस बीच बुजुर्ग जगसीर सिंह कहते हैं कि 'की करना चौणां तों, कोई जित्ते कोई हारे, असी तां अपना करके खाना'। टेलीविजन पर सिर्फ मोदी-राहुल की ही चर्चा होणी है। असीं तां इसतो अक्के होए हां। साथ ही कहते हैं कि इस बार किसी नवीं पार्टी को मौका मिलना चाहिदा।
इसी जगह पर बैठे युवा मनप्रीत कहते हैं कि जीतने के बाद उम्मीदवार के दर्शन दुर्लभ हो जाते हैं और हारने वाला उम्मीदवार वैसे भी चेहरा दिखाने के लिए नहीं आता। इसकी वजह से चुनाव से ही गुस्सा है, लेकिन देश के भविष्य का सवाल है, इसलिए मतदान तो करना ही पड़ेगा। युवा मनप्रीत के बातचीत को बीच में रोकते हुए बुजुर्ग रेशम सिंह कह उठते हैं कि आज गांव जीवन सिंह वाला के किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है। इस संबंधी अकाली प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल से मिलने पर एक ही जवाब मिलता है कि चुनाव बाद समस्या को दूर कर देंगे, अभी आचार संहिता लगी है, इसके उलट कांग्रेस प्रत्याशी मनप्रीत सिंह बादल का कहना है कि पहले जिताओ, फिर दिल्ली में सरकार बनने पर समस्या को दूर करेंगे। ऐसी स्थिति में गांव के मतदाता करें तो क्या करें? ताश के पत्ते खेलने में मशगूल बुजुर्ग भोला सिंह कहते हैं कि चौण बाईकाट करण तों वी कोई फायदा नईं, आखिर देश दे भविख दा सवाल है। पास में खड़े युवा हरप्रीत साफ तौर पर कहता है कि साड्डी तां पक्की वोट अकालियां नूं है, पर इस बार नहीं देवांगा। साड्डे पिंड दे नाल बेइंसाफी होई है, सिंचाई मंत्री सेखों ने मोघा पीछे तो ही बंद कर दित्ता है, जिस नूं लैके पिंड के लोक्कां विच नाराजगी है। बठिंडा से श्रीधर राजू
-