Move to Jagran APP

मंत्रिमंडल ने हटाया प्रतिंबध, अब हाईवे के होटलों, रेस्टोरेंटों में परोसी जा सकेगी शराब

विपिन कुमार राणा, अमृतसर : पंजाब विधानसभा में मंत्रिमंडल द्वारा नेशनल हाइवे पर बने हुए होटलों, रे

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 01:01 AM (IST)
मंत्रिमंडल ने हटाया प्रतिंबध, अब हाईवे के होटलों, रेस्टोरेंटों में परोसी जा सकेगी शराब
मंत्रिमंडल ने हटाया प्रतिंबध, अब हाईवे के होटलों, रेस्टोरेंटों में परोसी जा सकेगी शराब

विपिन कुमार राणा, अमृतसर :

loksabha election banner

पंजाब विधानसभा में मंत्रिमंडल द्वारा नेशनल हाइवे पर बने हुए होटलों, रेस्टोरेंट और क्लबों में शराब परोसने पर लगाए गए प्रतिबंध को खत्म कर दिया है। मंत्रिमंडल ने पंजाब आबकारी अधिनियम 1914 की धारा ए में संशोधन करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे अमृतसर जिले में नेशनल हाइवे पर शराब परोसने वाले एक दर्जन के लगभग होटलों, रेस्टोरेंटों और बारों को राहत मिलेगी। सरकार के निर्णय का लाभ अमृतसर-जालंधर नेशनल हाइवे के अलावा एयरपोर्ट रोड और अटारी रोड पर चल रहे संस्थानों को मिलेगा।

बताते चले कि पंजाब सरकार की साल 2017-18 की कर व आबकारी नीति की मार्च 2017 में घोषणा के साथ ही अप्रैल 2017 की शुरुआत में ही सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाइवे पर शराब बेचने और परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया था। शराब बेचने पर प्रतिबंध के चलते एक्साइज विभाग द्वारा ठेकों को हाईवे से 500 मीटर दूर शिफ्ट करवा दिया गया था। प्रतिबंध के चलते शराब के कारोबारियों की जहां परेशानी बढ़ी हुई थी, वहीं नेशनल हाईवे में चल रहे होटल, रेस्टोरेंट और बार के काम में भी मंदा छाया हुआ था। तभी से होटल कारोबारी सरकार पर दबाव बना रहे थे कि उन्हें राहत दी जाए। सांसद गुरजीत ¨सह औजला से भी विशेष रूप से अमृतसर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बैठक की थी और उन्हें अपनी समस्याओं के रूबरू करवाते हुए पंजाब सरकार में इसके लिए दबाव बनाने का आग्रह किया था। औजला ने भी उन्हें विश्वास दिलवाया था कि वे स्थानीय विधायकों के सहयोग से उनकी बात पंजाब सरकार तक पहुंचाएंगे, ताकि पर्यटन इंड्रस्टी को नुकसान न हो।

बिना लाइसेंस गुपचुप परोसी जा रही थी शराब

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद चाहे एक्साइज विभाग ने होटलों, रेस्टोरेंटों व बार को हैवी लीकर बार लाइसेंस देने से इंकार कर दिया था, पर सूत्रों की माने तो राजनीतिक संरक्षण के चलते अंदरखाते यहां गुपचुप शराब परोसने का काम चल रहा था। एक्साइज विभाग अमृतसर वन तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा, पर अमृतसर टू के तहत आते हाईवे पर एक दर्जन से ज्यादा संस्थान इससे प्रभावित हुए पड़े थे।

मैरिज पैलेसों को लेकर बना हुआ था भ्रम

विभागीय सूत्रों की माने तो नेशनल हाईवे पर शराब न परोसने के सुप्रीम कोर्ट के अप्रैल में आए निर्णय में चाहे मैरिज पैलेसों, रिसोर्ट का कोई जिक्र नहीं था, पर वहां शराब परोसने को लेकर भी भ्रम के हालात बने हुए थे। अब पंजाब सरकार के मंत्रिमंडल के फैसले में भी रिसोर्ट, मैरिज पैलेस का कोई जिक्र न होने से साफ हो गया है, वे इस कैटेगरी से बाहर है।

होटल इंड्रस्टी को मिली बड़ी राहत : कपूर

अमृतसर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के महासचिव पायूश कपूर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से ही हाईवे पर चल रहे होटलों, रेस्टोरेंटों व बारों के भविष्य पर तलवार लटक गई थी। पंजाब सरकार का इन्हें राहत देने का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे होटल इंड्रस्टी को बड़ी राहत मिली है और होटल कारोबारियों में बना हुआ भय का माहौल खत्म हुआ है।

अमृतसर वन ज्यादा प्रभावित नहीं था

पंजाब सरकार का नेशनल हाईवे के होटलों, रेस्टोरेंटों व बार में शराब परोसने का निर्णय कारोबारियों के हक में है। अमृतसर वन में हाईवे का ज्यादा हिस्सा न होने की वजह से उनका क्षेत्र सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ था।

—विश्वदीप ¨सह भंगू, एईटीसी अमृतसर वन

लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू होगी

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद से ही नेशनल हाइवे पर पड़ते होटलों, रेस्टोरेंट व बार को हैवी बार लाइसेंस नहीं दिए गए थे। अब सरकार के निर्णय के बाद इन्हें लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

—राज¨वदर कौर, एईटीसी अमृतसर टू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.