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मोहरे के बाद खिलाड़ी हुए 'खेल' से बाहर

नितिन धीमान, अमृतसर नकली चोट लगाकर नोट बंटोरने वाला गुरु नानक देव अस्पताल का दर्जा चार कर्मचारी ज

By Edited By: Published: Sat, 30 Jul 2016 09:09 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jul 2016 09:09 PM (IST)
मोहरे के बाद खिलाड़ी हुए 'खेल' से बाहर

नितिन धीमान, अमृतसर

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नकली चोट लगाकर नोट बंटोरने वाला गुरु नानक देव अस्पताल का दर्जा चार कर्मचारी जीत कुमार महज एक मोहरा था। वास्तविकता यह है कि झूठी एमएलआर (मेडिको लीगल रिपोर्ट) तैयार करने के गोरखधंधे में अस्पताल के कई 'खिलाड़ी' शामिल हैं। शनिवार को अस्पताल प्रशासन ने इस गोरखधंधे में जुटे दो फार्मासिस्टों से एमएलआर बनाने का अधिकार छीन लिया है। मेडिकल शिक्षा एवं खोज विभाग की डायरेक्टर डॉ. मनजीत मोही ने इस मामले को बेहद शर्मनाक एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।

20 जुलाई को अस्पताल के दर्जा चार कर्मचारी जीत कुमार को सराय अमानत खां निवासी गुरप्रीत सिंह से बीस हजार रुपये लेते हुए विजिलेंस ने दबोचा था। वह नकली चोट लगाकर धारा 326 की रिपोर्ट देने की एवज में पैसे ले रहा था। विजिलेंस ने पूछताछ के लिए फोरेंसिक विभाग के हेड डॉ. गुरमनजीत सिंह मान को भी हिरासत में लिया, लेकिन देर शाम उन्हें छोड़ दिया गया था। जीत कुमार इतनी शातिर है कि वह किसी भी इंसान के शरीर में चली हुई गोली फिट कर देता था। लीवर से खून निकालकर झूठी रिपोर्ट तैयार कर सकता था। दूसरी तरफ जीत कुमार की गिरफ्तारी के बाद ोनों ही फार्मासिस्ट भूमिगत हो गए थे। इस मामले की गूंज चंडीगढ़ तक पहुंची थी।

अस्पताल के मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. रामस्वरूप शर्मा ने बताया कि एक फार्मासिस्ट से एमएलआर तैयार करने का अधिकार छीन लिया गया है, जबकि दूसरे का विभाग बदल दिया गया है। इमरजेंसी वार्ड के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं। इसकी पल-पल की रिकॉर्डिग वह अपने कमरे में लगी स्क्रीन पर देख रहे हैं।

बॉक्स ..

दर्जा चार कर्मी ने मरीज से वसूले दो हजार

इस कार्रवाई से पहले शुक्रवार की रात एक दर्जा चार कर्मचारी ने एक मरीज से दो हजार रुपये वसूल लिए। रात ढाई बजे इस मामले की शिकायत मिलने पर मेडिकल सुप¨रटेंडेंट डॉ. रामस्वरूप शर्मा अस्पताल पहुंचे। आर्थो वार्ड में कार्यरत इस कर्मचारी ने एक मरीज से ड्रेसिंग, स्टिचिंग व एक्सरे करवाने के नाम पर दो हजार रुपये लिए थे। अस्पताल के ही किसी कर्मचारी ने इसकी शिकायत मेडिकल सुप¨रटेंडेंट से कर दी। डॉ. रामस्वरूप शर्मा ने रात को ही इस कर्मचारी को धर दबोचा। उससे पैसे लेकर मरीज को लौटाए गए। साथ ही इस कर्मचारी को आर्थो वार्ड से हटा दिया गया।


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