चाइना लॉबी के दबाव में भारत-पाक कारोबार!
विपिन कुमार राणा, अमृतसर इंटेग्रेटिड चेक पोस्ट (आइसीपी) से होने वाले भारत और पाकिस्तान के कारोब
विपिन कुमार राणा, अमृतसर
इंटेग्रेटिड चेक पोस्ट (आइसीपी) से होने वाले भारत और पाकिस्तान के कारोबार पर चाइना लॉबी हावी हो रही है। 45 दिन तक अपने पास रखने के बाद 40 गाड़ियां भारतीय लहसुन वापस भेजने के पीछे व्यापारी इसी को बड़ा कारण मान रहे हैं। सालों से चले आ रहे कारोबार पर पिछले डेढ़-दो साल में हावी हुई इस लॉबी का ही परिणाम है कि मॉल वापस आना शुरू हो गया है और भारतीय मॉल को लेकर नुकताचीनी शुरू हुई है।
पाकिस्तान ने सेहत विभाग को भारतीय माल रिजेक्ट करने का बड़ा हथियार बनाया है। पिछले 6-7 साल में कभी ऐसा न होने से एकाएक आए इस बदलाव ने भारत-पाक ट्रेड के समक्ष चुनौती खड़ी कर दी है। भारतीय व्यापारियों द्वारा फिमीगेशन विभाग से सर्टिफिकेट के बाद लहसुन पाक भेजा था, ऐसे में 45 दिन तक उसे ये कहकर लौटा देना कि ये ठीक नहीं है, कहीं भी तर्कसंगत नहीं है। जनवरी माह में भी लहसुन की इसी क्वालिटी की खेप गई थी, पर तब उसे स्वीकार कर लिया था।
कट्टरपंथी की तरजीह भी चाइना
सूत्रों के अनुसार पाक में बैठे कट्टरपंथी भी भारत-पाक कारोबार के पक्ष में नहीं हैं। उनकी पहल च्वाइस इसी कवायद में चीन बना हुआ है। जब से ये लॉबी हावी हुई है, तभी से कारोबारियों को दिक्कत झेलनी पड़ रही है। कट्टरपंथियों की इस लॉबी को पाक बार्डर पर तैनात अधिकारियों का भी संरक्षण हासिल है।
कारोबार के लिए 150 करोड़ से बना आइसीपी
भारत-पाक कारोबार को लेकर आइसीपी अटारी का निर्माण हुआ है। देश में सबसे पहले 150 करोड़ की लागत से ये टर्मिनल बनाया गया। यूपीए सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने 13 अप्रैल 2012 में इसका उद्घाटन किया था। ये टर्मिनल 118 एकड़ में फैला हुआ है। ऐसे में अगर कारोबार को लेकर ऐसे हालात बनेंगे तो आइसीपी के मायने खत्म हो जाएंगे।
पाक का रवैया गलत : मेहरा
भारतीय माल के प्रति पाक का रवैया गलत है। चीन और कट्टरपंथी लॉबी के चंद लोगों के दबाव में ऐसे हथकंडे सालों पुराने भारत-पाक ट्रेड को प्रभावित करेंगे। लहसुन की गाड़ियां वापस आने से कारोबारियों का जहां नुकसान हुआ है, वहीं पाक से कारोबार को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। भारत सरकार ऐसा प्रावधान करना चाहिए कि जब हमें भी जरूरत हो तो पाक से सब्जी आदि निर्यात की जा सके।
- अनिल मेहरा, प्रधान फेडरेशन ऑफ ड्राइफूट एंड करियाना कामर्शियल एसोसिएशन।