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बादल को सताने लगा संगत का दर्शन

जागरण संवाददाता, तरनतारन श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों की बेअदबी के बाद राज्य में पैदा

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 01:01 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 01:01 AM (IST)

जागरण संवाददाता, तरनतारन

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों की बेअदबी के बाद राज्य में पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति के बाद मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को संगत का दर्शन सताने लगा है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल संगत दर्शन के बहाने विधान सभा हलका खडूर साहिब के उप चुनाव लिए शिअद का हारा हुआ वजूद बहाल करने लिए पंचायतों को ग्रांट के गफ्फे तो दे रहे हैं, लेकिन जनता के बीच उनकी दूरी पहले से ज्यादा बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने शुक्रवार को खडूर साहिब हलके के गांवों में संगत दर्शन करते हुए 3.97 करोड़ रुपये के चेक तो बांटे, लेकिन संगत दर्शन नहीं कर पाए। कारण सीएम और जनता के बीच लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए थे। साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों का इतना बड़ा घेरा था कि सिर्फ कुछ फुट दूरी पर कुर्सियों पर बैठे चुनिंदा लोग ही दिखाई दे रहे थे। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के साथ सांसद रंजीत सिंह ब्रह्मपुरा, उनके बेटे जिला योजना बोर्ड के चेयरमैन रविंदर सिंह ब्रह्मपुरा व आइएएस अधिकारियों की फौज ही थी।

काले रंग से डरी नजर आई पुलिस

मुख्यमंत्री के संगत दर्शनों मौके हलके के आधा दर्जन गांवों में लगाए गए पंडालों की एंट्री गेट पर डिटेक्टिव मशीनों से हर किसी को निकाला जा रहा था। इन मशीनों पर पुलिस को शायद कम यकीन था। इसलिए हर व्यक्ति की पुलिसकर्मियों द्वारा हाथों से तलाशी ली जाती रही थी। काले रंग से पुलिस प्रशासन इतना डरा हुआ था कि उन युवकों को पंडाल में नहीं जाने दिया गया, जिन्होंने काली पगड़ी या शर्ट पहन रखी थी। पंडाल में डीएसपी के दखल से जो युवक काली पगड़ी वाली पहुंचे उन पर नजर रखने के लिए पुलिस कर्मी तैनात किए गए। गांव बाठ में काली पगड़ी से पुलिस काफी अधिक डरी नजर आई क्योंकि यह वहीं गांव है यहां श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूपों की बेअदबी हुईं थी व मौके पर पहुंचे डीसी, एसएसपी को लोगों के विरोध का सामना तो करना ही पड़ा था। साथ ही जिला अकाली जत्थेदार अलविंदरपाल सिंह पखोके की मारपीट करके पगड़ी तक उतार दी गई थी। उल्लेखनीय है कि वीरवार को किसानों ने गांव भरोवाल में संगत दर्शन मौके काली झंडिया लेकर रोष प्रदर्शन किया था। कैबिनेट मंत्री सिकंदर सिंह मलूका पर हुए हमले के बाद मुख्यमंत्री बादल पहली बार लोगों से रूबरू होने तो निकले, मगर जनता का बीच फासला 15 से 20 फुट का दिखाई दिया। संगत दर्शन वाले पंडाल को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया। यहां तक कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बिल्कुल करीब डीआइजी बॉर्डर रेंज कुंवर विजय प्रताप सिंह खड़े होकर चौकन्ने दिखाई दिए। यहां तक कि संगत दर्शन कि कवरेज लिए पहुंचे मीडिया कर्मियों को भी पुलिस जवानों की बारीकी का सामना करना पड़ा।


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