कार्यकारिणी ने चीफ सेक्रेट्री के पद पर लगाई मोहर
अशोक नीर, अमृतसर एसजीपीसी के सदस्य शविंदर सिंह दोबलिया द्वारा मुख्य सचिव के पद की नियुक्ति के विर
अशोक नीर, अमृतसर
एसजीपीसी के सदस्य शविंदर सिंह दोबलिया द्वारा मुख्य सचिव के पद की नियुक्ति के विरोध में जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़, एसजीपीसी पदाधिकारियोंव कार्यकारिणी के सदस्यों को दिए कानूनी नोटिस को नजरअंदाज कर कार्यकारिणी की बैठक में चीफ सेक्रेट्री की नियुक्ति पर अंतिम मोहर लगा दी गई है। बैठक में एसजीपीसी के दो सदस्य हरभजन सिंह व मंगल सिंह के 'विरोध नोट' के बीच अध्यक्ष मक्कड़ ने मुख्य सचिव के पद की नियुक्ति के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर दस दिनों में आवेदन पत्र मांगने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
जत्थेदार मक्कड़ के अनुसार एसजीपीसी के कामकाज का भार बढ़ गया है, इसलिए मुख्य सचिव की नियुक्ति जरूरी है। बैठक में एजेंडा नंबर 36 के अंतर्गत एसजीपीसी के मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर सदस्यों के बीच विचार-विमर्श किया जाना था। धारा 85, 87 व ट्रस्ट व अन्य मदों पर विचार-विमर्श के बाद अंत में चीफ सेक्रेट्री के पद पर विचार हुआ। तब कार्यकारिणी सदस्यों के साथ केवल सेक्रेट्री रूप सिंह ही वहां उपस्थित थे। शेष सभी को बैठक के बाहर भेज दिया गया।
मुख्य सचिव के पद की नियुक्ति की चर्चा छेड़ते हुए जत्थेदार मक्कड़ ने जब प्रस्ताव रखा तब मंगल सिंह और हरभजन सिंह ने इसका विरोध किया। मंगल सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा एक्ट के नियमों के अनुसार चीफ सेक्रेट्री के पद का प्रावधान नहीं है। यदि जत्थेदार मक्कड़ व कार्यकारिणी पर सरकारी दबाव है तो वह सरकार से क्यों नहीं कह देते कि जिसको चीफ सेक्रेट्री के नियुक्त किया जाना है उसे सरकारी पद दे दें। एसजीपीसी पर पचास लाख रुपये का वार्षिक बोझ क्यों डाला जा रहा है। इस पर इसका समर्थन कर रहे सदस्यों ने कहा कि आगामी कुछ वर्षो में महत्वपूर्ण कार्य किए जाने हैं, इसलिए चीफ सेक्रेट्री की नियुक्ति जरूरी है। मंगल सिंह व हरभजन सिंह ने कहा कि 1999 से श्री आनंदपुर साहिब के 350वें स्थापना दिवस कार्यक्रमों को एसजीपीसी के वर्तमान अमले ने ही शानदार ढंग से निभाया है। फिर चीफ सेक्रेट्री की क्या जरूरत है, जबकि आगामी कई वर्षो तक कोई भी बड़ी शताब्दी समारोह का आयोजन नहीं किया जाना है। इन तर्को के आगे जत्थेदार मक्कड़ के पास कोई उत्तर नहीं था। वहीं कार्यकारिणी के तेजतर्रार सदस्य करनैल सिंह पंजोली ने भी इस विषय पर चुप्पी साधे रखी। सेक्रेट्री रूप सिंह ने मंगल सिंह व हरभजन सिंह के विरोधी नोट लेकर कार्रवाई में शामिल कर लिए।
एसजीपीसी के चीफ सेक्रेट्री के पद पर दिल्ली निवासी व पंजाब एंड सिंध बैंक के पूर्व महाप्रबंधक हरचरण सिंह को आसीन करने की संभावना है। चीफ सेक्रेट्री के पद का विरोध करने के लिए विभिन्न सिख संगठन लामबंद होकर इस नियुक्ति का विरोध करेंगे, ऐसी संभावनाएं बढ़ गई है।