महाराष्ट्र की तर्ज पर साक्षरता दर बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार को लिखेगा आयोग
जागरण संवाददाता, अमृतसर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार वेरका ने कहा कि महा
जागरण संवाददाता, अमृतसर : राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष डा. राजकुमार वेरका ने कहा कि महाराष्ट्र की तर्ज पर पंजाब में भी अनुसूचित जाति श्रेणी में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए वह राज्य सरकार को पत्र लिखेंगे।
डा. वेरका ने कहा कि शिक्षा विभाग के मुताबिक महाराष्ट्र में सामान्य वर्ग की साक्षरता दर 82.3 फीसद है, जबकि अनुसूचित जाति की 79.7 फीसद है, जो सराहनीय है। इसी तरह 381 हॉस्टल अनुसूचित जाति के लड़कों के लिए तथा 163 हॉस्टल लड़कियों के लिए बनाये गए हैं। हॉस्टल में सभी सहूलियतें मुफ्त में दी जा रही हैं।
आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया और उपाध्यक्ष डॉक्टर राजकुमार वेरका की अध्यक्षता में मुंबई में महाराष्ट्र राज्य का रिव्यू किया गया। इस दौरान दलित उत्पीड़न के मामले बढ़ने पर चिंता जताई गई, लेकिन महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति के लोगों की पढ़ाई लिखाई अच्छी होने पर आयोग ने शिक्षा विभाग की पीठ भी थपथपाई है। बैठक में चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी के अलावा तमाम सरकारी विभागों के अधिकारी मौजूद थे। केंद्र सरकार से आने वाली मदद को महाराष्ट्र सरकार द्वारा पूरी तरह इस्तेमाल न कर पाने पर आयोग ने राज्य सरकार को फटकार लगाई और स्पष्ट कर दिया कि अगर केंद्र से आने वाली दलित समुदाय के लिए मदद को पूरी तरह इस्तेमाल ना किया गया तो केंद्र उनको मदद देना बंद कर देगा।
डॉ. वेरका ने बताया कि महाराष्ट्र में दलित उत्पीड़न के मामले पहले से अधिक हुए हैं। विशेषकर अहमदनगर, लातूर, बीड, सतारा जिलों में दलित उत्पीड़न के मामले बहुत अधिक सामने आये हैं। इसे रोकने के लिए डीजीपी को सख्त निर्देश दिए गए और ये भी कहा गया कि जिन पर दलित उत्पीड़न हुआ है उनको जल्द से जल्द रिलीफ फंड जारी किया जाये। आयोग ने अनुसूचित जाति की नौकरियों के बैकलॉक को जल्दी खोलने के निर्देश भी दिए हैं।