राजू, लाली व बब्बी की जमानत का केस तरनतारन शिफ्ट
जागरण संवाददाता, अमृतसर : केबल आपरेटर जसविंदर सिंह जस्सी आत्महत्याकांड में जेल में बंद फास्ट वे के ज
जागरण संवाददाता, अमृतसर : केबल आपरेटर जसविंदर सिंह जस्सी आत्महत्याकांड में जेल में बंद फास्ट वे के जिला इंचार्ज सरबजीत सिंह राजू, अकाली नेता प्रितपाल सिंह लाली और मैनेजर गुरेंद्र सिंह बब्बी की मुश्किलें और बढ़ गई है। मंगलवार को जिला सेशन जज ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की और जमानत याचिका का केस तरनतारन के अडिशनल सेशन जज को रेफर कर दिया। साथ ही अमृतसर जेल के सुपरिंटेंडेंट को भी नोटिस जारी कर अदालत में रिकार्ड पेश करने के लिए कहा है।
18 अप्रैल को तीनों आरोपियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी हुई थी। इसके बावजूद आरोपियों को पेशी के बहाने जेल से बाहर अदालत भी लाया गया। इस मामले में खुद जिला सेशन जज ने भी अहम खुलासा करते हुए टिप्पणी की है कि आरोपियों की जमानत याचिका पर अमृतसर का कोई भी जज फैसला सुना नहीं सकता, क्योंकि उनके समेत सभी जज जस्सी की आत्महत्या के समय होटल हालिडे इन में मौजूद थे और उनके सामने ही जस्सी ने जहर निगला था।
आज सुबह जेल में बंद राजू, लाली और बब्बी के वकील जिला अडिशनल सेशन जज एसएस साहनी की अदालत जमानत याचिका के लिए पेश हुए। अडिशनल सेशन जज ने यह केस जिला सेशन जज गुरबीर सिंह की अदालत में भेज दिया। इसके बाद बचाव पक्ष और दूसरे पक्ष के एडवोकेट जिला सेशन जज की अदालत में पहुंचे। जिला सेशन जज ने भी मामले पर सुनवाई नहीं की और इस केस को तरनतारन के अडिशनल सेशन जज एसपी सूद को ट्रांसफर कर दिया और कहा कि तरनतारन के अडिशनल सेशन जज सात मई को जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे।
एडवोकेट सरबजीत सिंह वेरका ने बताया कि इस केस को तरनतारन में ट्रांसफर करते समय जिला सेशन जज ने कहा कि उनके समेत अमृतसर के सभी जज 26 अप्रैल को होटल हालिडे इन में मौजूद थे। उनके सामने ही केबल आपरेटर जस्सी ने जहर निगला था। इसलिए वह इस मामले में कोई सुनवाई नहीं करना चाहते। एडवोकेट वेरका ने कहा कि अब वह पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जाएंगे और मांग करेंगे कि इस आत्महत्या कांड में अमृतसर की अदालतों के जजों के भी बयान दर्ज किए जाएं और उन्हें भी इस केस में गवाह रखा जाए।
जेल में बंद राजू, लाली और बब्बी की 18 अप्रैल को न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म हुई तो उन्हें अदालत में पेश किया जाना था, मगर तीनों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। वह दोपहर तक जेल से बाहर नहीं आए। 18 अप्रैल की शाम को तीनों को एक लग्जरी गाड़ी में जिला कचहरी परिसर में देखा गया। उन्होंने 18 अप्रैल को हुई पेशी का रिकार्ड अदालत से हासिल किया, जिसमें साफ लिखा गया है कि आरोपियों की पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई है। जज ने इसका भी कड़ा नोटिस लेते हुए केंद्रीय जेल के सुपरिंटेंडेंट को नोटिस जारी किया है और 16 मई को जेल का रिकार्ड लेकर अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।