तालमेल कमेटी न ताल बिठा पाई न मेल
अशोक नीर, अमृतसर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा द्वारा अकाली भाजपा गठबंधन के बीच समन्वय स्थापित
अशोक नीर, अमृतसर
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष कमल शर्मा द्वारा अकाली भाजपा गठबंधन के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए जिला स्तर पर गठित तालमेल कमेटियों में न तो ताल है और न ही मेल। लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से पहले गठित इस कमेटी में सांसद नवजोत सिंह सिद्धू व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के साथ अकाली भाजपा मंत्रियों, विधायकों, जिला अध्यक्षों की फौज शामिल थी।
जिस समय कमेटी का गठन किया गया था उस समय मजीठिया व सिद्धू के बीच छत्तीस का आंकड़ा था। कमेटी में मंत्री अनिल जोशी, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष राजिंदर मोहन सिंह छीना भी शामिल थे। चुनाव परिणाम के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की पराजय के बाद सिद्धू को लेकर जो अकाली भाजपा नेता एकजुट थे, उनकी एकता बिखर गई। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों की राजनीति चली। अकालियों ने मंत्री अनिल जोशी की कार्यप्रणाली को लेकर सीधा टकराव का रास्ता पैदा किया। नगर निगम के तीन अधिकारियों के तबादले को लेकर अकालियों ने न केवल नगर निगम के कमिश्नर को ज्ञापन सौंपे, बल्कि भ्रष्टाचार के भी कई आरोप लगाकर बैकफुट पर लाने की कोशिश की। भाजपाइयों ने भी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़े कर कई आरोप लगाए।
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को दाना मंडी भगतांवाला से उठाकर फताहपुर ले जाने के मामले पर भी सीपीएस इंद्रबीर सिंह बुलारिया ने अनिल जोशी को निशाने पर रखा था। यह विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है। बेशक निगम के पास प्लांट लगाने को दो कंपनियों के टेंडर पहुंच गए हैं। उधर, हाईकोर्ट ने फताहपुर में कूड़ा फेंकने के लिए स्टे दे दिया है।
तरनतारन में गठबंधन टूटा!
तरनतारन नगर कौंसिल के चुनाव में सीपीएस हरमीत ंिसह संधू के समर्थकों द्वारा जोशी के भाई राजा जोशी की कथित हत्या की कोशिश को लेकर बवाल मचा रहा। नगर कौंसिल में अकाली दल व भाजपा का समझौता टूट गया। चुनाव में अनिल जोशी के भाई सहित सात पार्षद भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत गए, लेकिन कटुता का जो बीज यह चुनाव बो गया, उसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
दुकानें गिराने का नया विवाद
ताजा विवाद पार्षद अमरजीत सिंह भाटिया की एक दुकान को गिराने के बाद पैदा हो गया है। अकाली पार्षदों ने जलियांवाला बाग के बाहर बैठकर विरोध प्रदर्शन किया। एक बार फिर स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी को निशाने पर रखा है। अकालियों ने एक बार फिर निगम के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। निगम अधिकारियों पर आरोप लगाकर स्थानीय निकाय विभाग को ही कठघरे में खड़ा कर दिया है। जिला अध्यक्ष नरेश शर्मा ने अकाली दल पर गंभीर आरोप लगाकर इस मसले को हवा दे दी है। पलटवार करते हुए अकाली दल के अध्यक्ष उपकार सिंह संधू ने भी भाजपाइयों की मानसिकता पर प्रश्न चिह्न खड़े किए हैं।
दोनों पक्षों के बड़े नेताओं की चुप्पी
अकाली-भाजपा की लड़ाई को निपटाने के लिए अभी तक दोनों पक्षों के बड़े नेताओं ने कोई प्रयास नहीं किया है। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ सहित अकाली दल के भी कई दिग्गज नेता निचले स्तर पर होने वाले विवादों को सुलझाने के लिए अभी तक आपस में कोई भी बैठक करने में असफल रहे हैं। अकाली भाजपा की लड़ाई का प्रभाव शहर के विकास पर पड़ रहा है। बेशक उपमुख्यमंत्री हर महीने श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेकने के बाद अधिकारियों की बैठक कर विकास कामों का जायजा लेते हैं, लेकिन इन विकास कामों में जनप्रतिनिधियों की भागेदारी लगभग समाप्त हो गई है।