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मच्छरों ने भरी फुंकार

नितिन धीमान, अमृतसर शुक्र है, सूर्य की तपन ने स्वाइन फ्लू वायरस को निगल लिया। पर सावधान रहें! तबाह

By Edited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 05:01 AM (IST)

नितिन धीमान, अमृतसर

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शुक्र है, सूर्य की तपन ने स्वाइन फ्लू वायरस को निगल लिया। पर सावधान रहें! तबाही मचाने के लिए मच्छर तैयार हैं। मार्च माह में ही मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी हैं। हैरानीजनक पहलू यह है कि सेहत विभाग जानलेवा बीमारियों का कारक बनने वाले मच्छरों को गंभीरता से नहीं ले रहा।

जनवरी माह में स्वाइन फ्लू से हुई पहली मौत के बाद सेहत विभाग ने आनन-फानन में जागरूकता का ढिंढोरा पीटा। आला अधिकारियों ने बैठकों, सेमिनारों का आयोजन किया। इसके अलावा सेहत विभाग के पास दूसरा विकल्प भी नहीं था। लगभग दो माह तक स्वाइन फ्लू का वायरस फैलता रहा। मार्च माह के तीसरे सप्ताह में तापमान उछला तो स्वाइन फ्लू मिट गया। तेज धूप के कारण यह वायरस तो नष्ट हो गया, पर साथ ही मच्छरों का प्रकोप बढ़ने लगा है।

शहर में कूड़ा उठान की समुचित व्यवस्था न होने का परिणाम यह है कि जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। इन्हीं ढेरों में मच्छरों की उत्पत्ति हो रही है। मजीठा रोड, नवांकोट, इस्लामाबाद व शहर के अंदरूनी भागों में मच्छरों का लार्वा तेजी से पनप रहा है। निसंदेह, आगामी कुछ दिनों में डेंगू मच्छर भी फुंकार भरेगा।

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर के किसी भी कोने में मच्छर मार दवा का छिड़काव नहीं किया गया। अमृतसर में स्वाइन फ्लू से 10 लोगों की मौत के बाद भी सेहत विभाग मच्छर जनित बीमारियों को गंभीरता से नहीं ले रहा। वास्तविकता तो यह है रोग फैलने के बाद ही विभागीय अधिकारियों की आंखें खुलती हैं। नियमत: किसी भी संक्रमित वायरस से निबटने के लिए पूर्ववत ही चौकस रहना जरूरी है। अभी से ही विभाग की टीमें मच्छरों का लार्वा नष्ट कर दें तो काफी हद तक मच्छर जनित बीमारियों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

आरटीआइ कार्यकर्ता राजिंदर कुमार का का कहना है कि विभागीय अधिकारियों की नींद तब टूटती है जब सब कुछ हाथ से निकल जाता है। स्वाइन फ्लू के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ और अब मच्छरों की परेशानी से भी विभाग खौफ नहीं खा रहा।

टीमों का गठन किया गया है : डॉ. चौहान

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. राजू चौहान कहते हैं कि मच्छरों का लार्वा नष्ट करने के लिए टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों को विभिन्न जोनों में विभाजित किया गया है। शहर में मच्छर मार दवा का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त जून माह में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा।


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