पंजाब में रंग भी है, मंच भी : मंगल ढिल्लों
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब में रंग भी है और मंच भी। विश्व रंगमंच दिवस पर मुझे विश्व प्रसिद्ध पं
जागरण संवाददाता, अमृतसर : पंजाब में रंग भी है और मंच भी। विश्व रंगमंच दिवस पर मुझे विश्व प्रसिद्ध पंजाब नाटशाला में नाटक करने का मौका मिला है, यह मेरी लिए सबसे खुशनसीबी है। मैं चाहता हूं कि पंजाब ही नहीं, देश में ऐसे कई इंजीनियर जतिंदर बराड़ की तरह हों जिन्होंने अपनी लगन व मेहनत से पंजाब नाटशाला को दुनिया जानती है। यह कहते हुए फिल्म अभिनेता मंगल ढिल्लों ने पंजाब के युवाओं को नशे से दूर रहने और मंच से जुड़ने की सलाह दी।
शुक्रवार को विश्व रंगमंच दिवस और पंजाब नाटशाला के स्थापना दिवस का एक साथ जश्न सभी कलाकारों ने मिलकर मनाया। पंजाब नाटशाला की स्थापना 27 मार्च, 1998 को हुई थी। इस नाटशाला ने दुनिया को बेहतरीन कलाकार दिए हैं। पंजाब ही नहीं, देश भर में पंजाब नाटशाला का नाम है। अब तक डेढ़ हजार नाटकों का मंचन हो चुका है। बीस देशों के कलाकारों ने इस मंच से रंग बिखेरा है। पंजाब के हर सफल रंगमंच कलाकार की सफलता भी पंजाब नाटशाला से जुड़ी है।
स्थापना दिवस पर जहां खुशियों के गीत गाए वहीं हिंदी व पंजाबी फिल्मों में बेहतरीन भूमिका निभाने वाले मंगल ढिल्लों के नाटक 'सावधान थियेटर वाला पागल है' ने बदलते युग में रंगमंच का वर्चस्व बताया। नाटक के बाद शहर के उन नामचीन कलाकारों को सम्मनित किया गया जिन्होंने रंगमंच को इतिहास बनाया।
इस दौरान फिल्मी सितारे भी पहुंचे और रंगमंच के कलाकार भी। केवल धालीवाल (शिरोमणि नाटककार), हरदीप गिल व अनीता गिल (फिल्मी दंपत्ति), विजय शर्मा, जगदीश सचदेवा (सचिव, विरसा विहार), डॉ. दलजीत सिंह (विश्व प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक व आप पार्टी से संसदीय चुनाव लड़ने वाले) व आरएल भाटिया (पूर्व गवर्नर) ने भी स्थापना दिवस पर पंजाब नाटशाला को बधाई दी।
दर्शक दीर्घा में मंचप्रीत, प्रीतपाल पाली, भूपिंदर सिंह, गुरिंदर सिंह, अमन भारद्वाज, राजेन्द्र चौधरी, गुरमीत कौर, मुस्कान साही, शिवम शर्मा, चेतन शर्मा, गुरजीत सिंह, दविंदर गिल, करण बब्बर, वरपाल सिंह, इन्द्रजीत बिल्ला, अभिषेक शर्मा, कैप्टन सिंह, मीनाक्षी आदि भारी गिनती में आर्ट जगत के लोग मौजूद थे।
विश्व रंगमंच दिवस पर जहां पिछले दिनों दुनिया से विदा हुए शिरोमणि साहित्यकार परमिंदर सिंह को श्रद्धांजलि दी गई, वहीं रंगमंच से जुड़े कलाकारों को सम्मान भी दिया गया। मंगल ढिल्लों पर आधारित नाटक 'सावधान थियेटर वाला पागल है' पर जमकर तालियां बजीं। इस दौरान केवल धालीवाल, जगदीश सचदेवा, विजय शर्मा, अनीता देवगन व सभी कलाकारों ने पंजाब नाटशाला के स्थापना दिवस पर इंजीनियर जतिंदर बराड़ व मिसेज बराड़ को मुबारकबाद दी।
जो आनंद रंगमंच में वो फिल्मों में कहां : मंगल ढिल्लों
फिल्म स्टार मंगल ढिल्लों कहते हैं कि जो आनंद रंगमंच में है, वो फिल्मों में कहां। फिल्मों में हर सीन की रीटेक हो सकता है, लेकिन रंगमंच में सीधा दर्शक के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करना होता है। रंगमंच पर लाइट, साउंड और कैमरा भले न गूंजे लेकिन तालियां जो गूंजती हैं वो कलाकारों के उत्साह को कई गुना बढ़ा देती हैं। मैंने तमाम हिंदी व पंजाबी फिल्में की होंगी लेकिन जब भी मौका मिलता है, मंच से रंग जोड़ने रंगमंच पर चला आता हूं। पंजाब का रंगमंच बहुत ऊंचा है, जहां पंजाब नाटशाला है उस पंजाब में नाटशाला हमेशा प्रफुल्लित रहेगी।
सोचता हूं जिंदगी ही रंगमंच है : जतिंदर बराड़
पंजाब नाटशाला के संस्थापक जतिंदर बराड़ ने कहा कि सोचता हूं, जिदंगी ही रंगमंच है। कब दिन निकल गए पता ही नहीं चला। बहुत अरमान हैं, कुछ पूरे हुए है,ं कुछ ऊपर वाला पूरा ही कर देगा। पंजाब में कला और कलाकार दोनों का भंडार है। बस निखारने की जरूरत है।
पंजाब नाटशाला से कपिल शर्मा, भारती सिंह, राजीव ठाकुर, राजीव मेहरा के साथ-साथ तमाम कलाकार जुड़े रहे हैं। पंजाब नाटशाला का केवल एक मकसद आर्ट को बढ़ावा देना है। सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लोगों को नाटकों के जरिये जागरूक करना है।