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भगतांवाला में प्लांट लगाना कानून का उल्लंघन

जागरण संवाददाता, अमृतसर : भगतांवाला डंप की बदहाली के विरोध में 25 दिन से आंदोलन कर रहे दक्षिणी हलके

By Edited By: Published: Thu, 27 Nov 2014 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 27 Nov 2014 08:58 PM (IST)

जागरण संवाददाता, अमृतसर : भगतांवाला डंप की बदहाली के विरोध में 25 दिन से आंदोलन कर रहे दक्षिणी हलके के तीन वार्डो के लोगों के हक में पर्यावरणविद भी मैदान में उतर आए हैं। गंदगी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटा चुके पर्यावरणविद प्रकाश सिंह भंट्टी ने कहा कि भगतांवाला में सॉलिड वेस्ट प्लांट का लगाना कानून का उल्लंघन होगा। एमएसडब्ल्यू रूल-2000 (मैनेजमेंट ऑफ सॉलिड वेस्ट) के मुताबिक यहां पर प्लांट नहीं लगाया जा सकता है।

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कोट मंगल सिंह चौक पर धरनास्थल के समीप आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भंट्टी ने कहा कि प्लांट वैसे स्थान पर लग सकता है कि जहां से नेशनल हाईवे एक हजार मीटर व स्टेट हाइवे पांच सौ मीटर दूर हो। जहां नहर व छप्पड़ 2.5 किमी परिधि में न हो। जहां दो रास्ते हों। जहां रेल लाइन न हो, लेकिन यहां 1882 से रेल लाइन है। यही नहीं डंप के पास में ही दाना मंडी भी है। प्लांट यहां लगाया गया तो कूड़ा कैसे पहुंचेगा। प्लांट लग भी गया तो मीथेन गैस से आसपास के लोगों को नुकसान हो सकता है। जब दो साल पहले यहां प्लांट लगाने को लेकर जनता से आब्जेक्शन मांगे गए थे, तब भी उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बावजूद सरकार ने भगतांवाला में प्लांट लगाने को एनओसी दे दी है।

भंट्टी ने कहा कि राजनेताओं की मनमानी के सामने अधिकारी बेबस हैं। उन्होंने डंप यहां से शिफ्ट करने के लिए पहले भी कई प्रस्ताव भेजे। डंप की साइट भी बताई। उन्होंने कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को यहां पर अधिकारियों की टीम भेजनी चाहिए। क्या रूल के मुताबिक यहां प्लांट लग सकता है? वह जांच कर लें। सच्चाई खुद सामने आ जाएगी। इस मौके पर सांझी संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने कहा कि जान दे देंगे लेकिन प्लांट यहां हरगिज नहीं लगने देंगे।

शव रखकर किया प्रदर्शन कहा, गंदगी से हुई मौत

कोट मित्त सिंह चौक पर 25वें दिन आयोजित रोष धरना के दौरान इलाके के लोगों ने शव लेकर प्रदर्शन किया। सांझी संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने बताया कि गंदगी के कारण 50 वर्षीय सुरेश नाम के व्यक्ति की मौत हो गई। वह हमारे साथ ही डंप के विरोध में धरना स्थल पर बैठता था। शव को धरनास्थल पर रखकर कई घंटे प्रदर्शन किया गया।


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