सेहत विभाग के कर्मियों ने छोड़ा कामकाज
संवाद सहयोगी, अमृतसर :
मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन की कलम छोड़ हड़ताल का प्रत्यक्ष प्रभाव सेहत विभाग के कामकाज पर पड़ रहा है। शुक्रवार से सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए और काम का बहिष्कार किया। इस दौरान सर्वाधिक परेशानी उन लोगों को हुई जो जन्म व मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करवाने आए थे।
यूनियन के प्रधान दलबीर सिंह बाजवा ने कहा कि हड़ताल में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों और जत्थेबंदी के पदाधिकारियों का उनके कार्यालय में जाकर धन्यवाद किया गया है। महासचिव जगदीश ठाकुर ने बताया कि उनकी यूनियन कर्मचारियों की मांगों को लेकर संघर्षशील है। 3 अपै्रल 2013 को मुख्य सचिव पंजाब को सचिवालय में मिलकर मांगों के लिए ज्ञापन सौंपा गया था। इसके बाद कई बार स्मृति पत्र दिया गया। इसके बावजूद उनकी मांगों को नहीं माना गया। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों में 1 जनवरी 2013 से डीए की किस्त का 8 प्रतिशत का भुगतान करना, 1 जुलाई 2013 से 10 प्रतिशत डीए की किस्त जारी करना, 50 प्रतिशत डीए को बेसिक वेतन में मर्ज करना, केंद्र की तरह छठे पे-कमीशन का नोटिफिकेशन जारी करना, पे-रिवीजन की बकाया 20 प्रतिशत किस्त तुरंत जारी की जाए।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की इन मांगों पर सरकार गौर नहीं कर रही। इस कारण उन्हें बार-बार कलम छोड़ हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सात दिसंबर को इस संघर्ष को तीखा करने के लिए लुधियाना में बैठक बुलाई गई है।
सिविल सर्जन कार्यालय में भटकते रहे लोग
मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन की कलम छोड़ हड़ताल का प्रत्यक्ष प्रभाव सेहत विभाग के कामकाज पर पड़ रहा है। शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय में पहुंचे सविंदर सिंह व गुरनाम सिंह ने बताया कि वह अपने बच्चों का जन्म सर्टिफिकेट लेने यहां आए हैं। यहां आकर पता चला कि कर्मचारी हड़ताल पर हैं। शनिवार और रविवार छुट्टी होने के कारण अब उन्हें दो दिन इंतजार करना पड़ेगा। यदि सोमवार को भी हड़ताल हुई तो उनका काम अधर में रह जाएगा। इसके अलावा मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज, सिविल अस्पताल व पीएचसी एवं सीएचसी का स्टाफ हड़ताल पर रहा।
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