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'जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना', आइएएस चंद्रकला ने फिर लिखी एक कविता

सीबीआइ की छापेमारी के बाद चर्चा में आईं आइएएस बी. चंद्रकला ने एक और कविता लिखी है। उनकी ये कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 09:47 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 08:28 AM (IST)
'जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना', आइएएस चंद्रकला ने फिर लिखी एक कविता
'जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना', आइएएस चंद्रकला ने फिर लिखी एक कविता

नई दिल्‍ली, जेएनएन। अवैध खनन मामले में सीबीआइ की छापेमारी के बाद चर्चा में आईं आइएएस बी. चंद्रकला ने एक बार फिर शायराना अंदाज में अपनी बात रखी है। चंद्रकला ने अपने लिंकडिन प्रोफाइल पर स्वरचित एक कविता साझा करते हुए लिखा है कि, 'जानेमन, तुम छिप-छिप कर आना'। कविता के अंत में उन्‍होंने लिखा है कि छापा जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है। चंद्रकला शुरुआत से ही सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रही हैं और उनका ये पोस्‍ट भी वायरल हो रहा है।

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27 सिंतबर 1979 को मौजूदा तेलंगाना के करीमनगर में जन्‍मी चंद्रकला की शुरुआती पढ़ाई लिखाई केंद्रीय विद्यालय में हुई है। चंद्रकला अनुसूचित जाति से ताल्‍लुक रखती हैं और उनकी राशि जोडियक है। उनकी मातृभाषा लंबाडी है जो बंजारा हिल के ज्‍यादातर हिस्‍से में बोली जाती है। राज्‍य के करीब सवा दो लाख लोग इसे बोलते हैं। आपको बता दें कि स्‍कूलिंग के बाद उन्‍होंने हैदराबाद के कोटी वूमेंस कॉलेज और उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी से बाकी पढ़ाई की है। उन्‍होंने उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी से भूगोल में स्‍नातक और इसी यूनिवर्सिटी से पत्राचार में अर्थशास्‍त्र से एमए किया है। जब वह ग्रेजुवेशन के दूसरे वर्ष में थीं तभी उनकी शादी हो गई थी। इसके बाद उन्‍होंने पत्राचार का सहारा लेकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया था।

प्रिय दोस्‍तों,

आइए, परमात्‍मा के दिये इस नये सवेरे में हम अपनी तरफ से प्रेम की सुगंध फैलाएं।।
नफरत और घृणा से जीवन, दूषित होता है।।
इन सुंदर पंक्तियों के साथ शुभारम्‍भ करते हैं...
आ सोलह श्रृंगार करूं, मैं,
आ मैं तुमको, प्‍यार करूं, मैं।।
घर से निकल कर, सीधी सड़क पर,
चौवाड़े से दायीं, मुड़ जाना,
वह जो गंगा तट है, देखो,
ऊपर एक मंदिर है, पुराना।।
उसके पीछे पीपल का वृक्ष,
जाने मन तुम, वहीं आ जाना,
आन तुम छिप-छिप कर आना,
आना, नजरें चार करेंगे,
मधुवन का श्रृंगार बनेंगे।।
हेट की रात है, बड़ी ही सुहानी,
माहताब है, देख दिवानी,
रातरानी, चंपा, चमेली,
फूल, तुम लाना संग में सहेगी।।
रजनीगन्‍धा को भी ले आना,
दोस्‍त है ये अपना, बड़ा ही पुराना,
आना, जरा जल्‍दी आ जाना।।
चंदा की बे-सब्री देखो,
उग आयी है, रात की रानी,
नदियों की धारा तुम, देखो,
देखो इसका, कल-कल पानी।।
कोयल की स्‍वर, देखो, हे प्रिये!
उर्वशी भी है, तेरी दिवानी,
कुमकुम के रंगों से सज गयी,
गौधूली की प्रीत पुनानी।।
देखो, जब मंदिर में बजेगी,
संध्‍या-भजन की घंटी, तब तुम,
बीत जाए जब, एक पहर और,
घर से निकल ही आना प्रिय तुम।।
मैं बैठा इंतजार करूंगा,
पीपल के नीचे, चांदनी राम में,
मैं बन दर्पण, श्रृंगार करूंगा,
आना तुमको मैं प्‍यार करूंगा।।
छापा, जांच की प्रक्रिया का एक हिस्‍सा मात्र है ।।-- आपकी चंद्रकला ।।

बता दें कि सीबीआइ ने 5 जनवरी को चंद्रकला के लखनऊ स्थित घर पर छापेमारी की थी। चंद्रकला पर ग़लत तरीके से खनन पट्टे देने का आरोप है।

चंद्रकला बुलंदशहर, हमीरपुर, मथुरा, मेरठ और बिजनौर में डीएम रह चुकी हैं। चंद्रकला के पिता रामागुंडम में फर्टीलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया में सीनियर टेक्‍नीशियन के पद से रिटायर हो चुके हैं। उनकी मां अनपढ़ हैं। इनके अलावा उनके दो भाई हैं जिनमें से एक डीएलआरएल में टेक्निकल ऑफिसर हैं और दूसरे करीमनगर में ही बैंकर हैं।

चंद्रकला के कुछ चर्चित बयान...

पत्रकार को धमकाने वाला बयान
आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला 2016 में बुलंदशहर की डीएम थीं। उस वक्त उन्होंने 18 साल के एक लड़के को इसलिए जेल भिजवा दिया था क्योंकि उसने बिना उनसे पूछे या अनुमति लिए उनके साथ फोटो क्लिक कर ली थी। उनके ये फैसला तुरंत मीडिया की सुर्खियां बन गया। इसी खबर पर चंद्रकला का बयान लेने के लिए एक रिपोर्टर ने जब फोन किया तो, उन्होंने ऐसा रिएक्शन दिया था, पत्रकार ने जिसकी कल्पना भी नहीं की थी। बी. चंद्रकला ने धमकी भरे लहजे में पत्रकार से कहा कि उसके घर अनजान मर्दों को भेजकर मां-बहन या उसकी मिसेज की फोटो खिंचवाऊं। अगर तुम्हारी मां-बहन के साथ कोई अनजान मर्द फोटो खिंचवाएगा तो क्या खींचने दोगे? हालांकि बयान वायरल होने पर डीएम साहिबा ने इस बातचीत को गलत बताया था।

जब अधिकारी को धमकाया ‘तुम्हारी तनख्वाह से लूंगी पूरा पैसा’
बुलंदशहर में डीएम रहते हुए बी. चंद्रकला शहर में विकास कार्यों का जायजा ले रहीं थीं। इस दौरान उन्होंने एक जगह सड़क किनारे बिछाई जा रही टाइल्स का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें काम की गुणवत्ता सही नहीं मिली। इस पर सड़क पर ही उन्होंने नगरपालिका चेयरमैन और वहां मौजूद अफसरों को जनता और मीडिया के सामने जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने अधिकारियों को धमकाते हुए कहा ‘ऐसी टाइल्स लगवा रहे हो। तुम्हारी तनख्वाह से लूंगी पूरा पैसा। शर्म करो शर्म... जनता का पैसा है ये’। अफसरों को हड़काते हुए उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था।

अफसरों को जेल भिजवाने की थी धमकी
17 दिसंबर 2014 को भी बुलंदशहर डीएम रहते हुए बी. चंद्रकला विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहीं थीं। इस दौरान भी उन्हें एक जगह पर चल रहे विकास कार्य में कमी मिली थी। उस वक्त भी उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर सरेआम जमकर फटकार लगी थी। उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों को चेतावनी दी थी ‘जेल के अंदर जाओगे, अभी के अभी, समझे क्या’। उनका ये बयान भी मीडिया की सुर्खियां बना था।

‘कुछ भी गलत हुआ तो जेल तो जरूर जाओगे’
बुलंदशहर की डीएम रहते हुए 12 दिसंबर 2014 को बी. चंद्रकला ने खिलाड़ियों की शिकायत पर स्टेडियम का निरीक्षण किया था। यहां उन्हें काफी गंदगी मिली थी। इस पर उन्होंने स्टेडियम की बदहाली के लिए जिम्मेदार खेल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान उन्होंने सार्वजनिक तौर पर अधिकारियों से कहा था ‘बच्चों के पास मेरा नंबर है। कुछ भी गलत हुआ तो जेल तो जरूर जाओगे’।

जब अधिकारियों से कहा ‘चुप... सब तुम लोगों की गलती है’
वर्ष 2015 में बुलंदशहर की ही डीएम रहते हुए चंद्रकला शहर में सरकारी विकास कार्यों का निरीक्षण कर रहीं थीं। इस दौरान उन्होंने एक जगह पर बन रही नाली का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें नाली में लगाई जा रही ईंटों की गुणवत्ता सही नहीं लगी। बस फिर क्या था, डीएम साहिबा ने एक बार फिर मौके पर मौजूद मातहत अधिकारियों की क्लास लगा दी। उन्होंने अधिकारियों से कहा ‘ये काम हो रहा है। (अधिकारी ने बोलने का प्रयास किया तो) चुप... सब तुम लोगों की गलती है।’

‘बच्चों को धोखा क्यों दे रहे हो’
बुलंदशहर में लंबे कार्यकाल के बाद वर्ष 2016 में ही IAS अधिकारी बी चंद्रकला का ट्रांसफर मेरठ में बतौर डीएम हो गया। पांच जून 2016 को उन्होंने मेरठ में भी बुलंदशहर के अंदाज में एक सरकारी स्कूल का निरीक्षण किया। इस दौरान वह एक क्लास में गईं और बच्चों से उनके विषय से संबंधित कुछ सवाल पूछे। बच्चे उनके सवालों का जवाब नहीं दे सके। इस पर डीएम ने टीचर की बच्चों के सामने ही क्लास लगा दी। उन्होंने उस टीचर से कहा था ‘बच्चों को धोखा क्यों दे रहे हो। इन्हें खाना न दो, कपड़ा न दो, लेकिन अच्छी शिक्षा तो दो’। टीचर ने जब कुछ बताने का प्रयास किया तो डीएम ने उसे डांटते हुए बोला ‘समस्या सिर्फ वही लोग बताते हैं, जो कुछ करना नहीं चाहते’।


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