शक्ति की उपासना का महापर्व संपन्न
कंजक पूजन के साथ मां शक्ति की उपासना का महापर्व मंगलवार को संपन्न हो गया। नवरात्र पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में बीजी साख को प्रवाहित करने से पूर्व घरों में पूजा-अर्चना हुई।
जम्मू। कंजक पूजन के साथ मां शक्ति की उपासना का महापर्व मंगलवार को संपन्न हो गया। नवरात्र पर्व के दौरान मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में बीजी साख को प्रवाहित करने से पूर्व घरों में पूजा-अर्चना हुई।
महिलाओं ने घरों में पूजा अर्चना करके मां की पूजा के लिए प्रसाद बनाया। कंजकों को लाल चुनरी, माथे पर सिंदूर का तिलक लगाकर और पांव को पानी के साथ धोकर उन्हें मां स्वरूप मानकर उनकी पूजा की। कइयों ने घरों में हवन यज्ञ भी किए। प्रशासन ने मंदिरों व शहर के मुख्य बाजारों में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए थे। सुबह व सूर्य अस्त होने से पूर्व तवी नदी में साख प्रवाहित करने वालों का तांता लगा रहा। वहीं, रामगढ़ में माता की आराधना के लिए रखे व्रत बीजी साख विसर्जित करने के बाद खोले। माता मंगला देवी मंदिर तरिंडियां के सरोवर में साख विसर्जित करने वालों की भीड़ रही। मंदिर प्रबंधक कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं की सेवा के बेहतर प्रबंध किए गए थे। सिद्ध गोरिया सरोवर, रामकुंड मंदिर कजेयाल सहित अन्य सरोवरों पर साख विसर्जित करने वालों का तांता लगा रहा। लोग मां की आराधना में पूरी तरह लीन दिखाई दिए। सांबा में बसंतर नदी में साख विसर्जित की। चीची माता मंदिर में भक्तों की भीड़ रही। शांति के लिए महायज्ञ : राज्य की शांति के लिए तालाब तिल्लो विकास लेन में स्थित वैष्णो माता मंदिर में नवरात्र के अंतिम दिन महायज्ञ का आयोजन किया। मंदिर के महंत लक्की बाबा ने मां भगवती के नौ रूपों का आ ान कर लोगों के दुखों को दूर करने के लिए हवन में आहुतियां अर्पित की। यज्ञ में स्थानीय व आसपास से काफी संख्या में लोग शामिल हुए। वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच लोगों ने बाबा के साथ यज्ञ में आहुतियां डालीं। तीन घंटे तक चले महायज्ञ के अंत में माता की पूजा करने के बाद लंगर शुरू हुआ।
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