दुबई में सिखों की आस्था का केंद्र गुरुद्वारा
दुबई में 50,000 सिखों की आस्था का केंद्र गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार मिश्रित आध्यात्म, परंपरा, आधुनिकता, समृद्धि तथा एक व्यक्ति के दृढ़ निश्चय को प्रदर्शित करता है।
दुबई। दुबई में 50,000 सिखों की आस्था का केंद्र गुरुद्वारा गुरुनानक दरबार मिश्रित आध्यात्म, परंपरा, आधुनिकता, समृद्धि तथा एक व्यक्ति के दृढ़ निश्चय को प्रदर्शित करता है।
यहां सिखों के पवित्र धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब के लिए 24 कैरेट के सोने की छतरियां हैं। दीवारों व फर्श पर इतालवी मार्बल लगे हैं और पांच सितारा रसोईघर भी है। साथ ही पार्किग के लिए तीन मंजिलें हैं। इस भव्य गुरुद्वारे के निर्माण का श्रेय भारतीय मूल के व्यवसायी सुरेंद्र सिंह कंधारी को जाता है। प्रार्थना हॉल तक पहुंचने के लिए सीढि़यों के साथ-साथ लिफ्ट की भी व्यवस्था की गई है। भीड़ कम होने पर कंधारी स्वयं लोगों से प्रार्थना घर तक पहुंचने के लिए सीढि़यों के बजाय लिफ्ट लेने की अपील करते हैं।
दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशि अल मखतूम ने इस गुरुद्वारे के लिए छह साल पहले जेबेल अली क्षेत्र में भूमि दी थी। वह इसे एक मिसाल के तौर पर विकसित करना चाहते हैं। अल दोबोवी ग्रुप के अध्यक्ष कंधारी ने कहा कि हम किसी भी चीज को लेकर समझौता नहीं चाहते थे। यह नवीनतम इतालवी मार्बल और उम्दा प्रकाश है। मैंने ठेकेदारों को बताया कि मैं इस इमारत के लिए 100 साल की गारंटी चाहता हूं, ताकि हमारी अगली पीढ़ी भी इसका इस्तेमाल कर सके।
इस गुरुद्वारे के निर्माण का विचार 11 साल पहले सिखों के लिए उचित प्रार्थना स्थल की आवश्यकता को देखते हुए आया, जो इस साल के जनवरी तक बुर दुबई में एक छोटे से मंदिर परिसर में प्रार्थना करते थे।
कंधारी ने कहा कि इस गुरुद्वारे के निर्माण के लिए छह साल पहले ही अनुमति मिल गई थी। दुबई के शासक ने गुरुद्वारे के निर्माण के लिए 25,400 वर्गफीट भूमि दी थी। इस गुरुद्वारे का उद्घाटन इस साल 17 जनवरी को हुआ था। तब से अब तक पिछले छह माह में यहां करीब 10,000 श्रद्धालु आ चुके हैं।
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