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सुख में सुमिरन करें तो दुख काहे हो

बाल व्यास अरविंद शास्त्री महाराजा ने कहा कि आज का मनुष्य बड़ा स्वार्थी हो चला है वो दु:ख की घड़ी में तो भगवान को याद करता है लेकिन जब सुख होता है तो वह भगवान को भूल जाता है।

By Edited By: Published: Thu, 16 Aug 2012 02:12 PM (IST)Updated: Thu, 16 Aug 2012 02:12 PM (IST)

उचाना। बाल व्यास अरविंद शास्त्री महाराजा ने कहा कि आज का मनुष्य बड़ा स्वार्थी हो चला है वो दु:ख की घड़ी में तो भगवान को याद करता है लेकिन जब सुख होता है तो वह भगवान को भूल जाता है। अगर सुख में भी मनुष्य भगवान को याद करें तो उसे दु:ख हो ही नहीं सकता है। भागदौड़ की इस जिंदगी में हमें कुछ न कुछ समय तो भगवान के नाम का सुमिरन करने के लिए निकलाना चाहिए। जो लोग इस तरह के आयोजनों में हिस्सा लेते है वो पुण्य के भागीदार बनते है। वो कपास मंडी में आयोजित रामकथा में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दो अक्षरों का प्यारा नाम भगवान राम का है। हर दुख की घड़ी में मनुष्य इस दो अक्षरों के नाम का सुमिरन कर दुखों से मुक्ति प्राप्त करता है। जब-जब धरती पर पाप बढ़ते है तो किसी न किसी रूप में भगवान अवश्य अवतार लेते है।

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