स्नान के बाद बीमार पड़े प्रभु जगन्नाथ
देव स्नान पूर्णिमा पर सभी जगन्नाथ मंदिरों में विधि पूर्वक भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा का स्नान कराया गया। स्नान मंडप पर भगवान का दर्शन करने को सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचे।
राउरकेला। देव स्नान पूर्णिमा पर सभी जगन्नाथ मंदिरों में विधि पूर्वक भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा का स्नान कराया गया। स्नान मंडप पर भगवान का दर्शन करने को सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुंचे। स्नान विराम के बाद शाम को भगवान के बीमार पड़ने पर गजानन वेश हुआ। भक्तों के दर्शन के बाद 15 दिनों के लिए कोपगृह में उन्हें रखा गया। स्नान पूर्णिमा पर मंदिरों में भजन कीर्तन व अन्य कार्यक्त्रम भी आयोजित किये गये।
श्री जगन्नाथ महाप्रभु की स्नान यात्रा सोमवार को सुबह विधि पूर्वक की गई। शहर के सबसे पुराने व बड़े सेक्टर-3 जगन्नाथ मंदिर में सुबह मंगल आरती के बाद सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, चका छड़ा, सेनापाटालागी, डाहियालागी, पहंडी बीजे, महाराजा का छेरा पहंरा आदि विधि के बाद पौने ग्यारह बजे स्नान कराया गया। 33 लोटा पानी से बलभद्र, 35 लोटा पानी से भगवान जगन्नाथ तथा 28 लोटा पानी से मां सुभद्रा तथा 16 लोटा पानी से भगवान सुदर्शन का स्नान कराया गया। इसमें श्री हरिहर जगन्नाथ दैतापति सेवायत नियोग, श्री जगन्नाथ वैद्यनाथ महाप्रभु प्रबंधन ट्रस्ट के मानस पंडा परमेश्वर पति, त्रिनाथ पाढ़ी, सेवायत अध्यक्ष प्रकाश चंद्र दास, मैनेजिंग ट्रस्टी गिरजाशंकर द्विवेदी, ट्रस्टी मित्रभानू पंडा, रजत चौधरी, लक्ष्मीधर पाणीग्राही, सुशांत त्रिपाठी, विजय पत्री, भानू प्रताप प्रधान आदि ने अहम भूमिका निभाई। सुबह से भजन कार्यक्त्रम चला एवं 2 बजे विराम तथा शाम को गजनान वेश हुआ। 15 दिनों के लिए भगवान के कोपगृह में जाने से पूर्व भक्त दर्शन करने के साथ साथ पूजा अर्चना किये। यहां शाम को श्री जगन्नाथ सांस्कृतिक कला परिषद अयराबंध सेक्टर-3 के द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया। इसी तरह झीरपानी जगन्नाथ मंदिर, कोयलनगर जगन्नाथ मंदिर, हनुमान वाटिका के अलावा शहर के अन्य जगन्नाथ मंदिरों में स्नान पूर्णिमा पर विधि पूर्वक भगवान जगन्नाथ के साथ तीनों देवी देवताओं की पूजा अर्चना की गई।
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