मंगला आरती की झांकी देखे बगैर लौटे श्रद्धालु
काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार की भोर मंगला आरती की झांकी देखने आए श्रद्धालु पहले से ही दर्जनों की भीड़ देख भड़क उठे। वीआइपी को प्रवेश देने के लिए नई परंपरा शुरू करने पर आक्त्रोश में आए सुरक्षाकर्मियों को निशाने पर लिया और बिना दर्शन के ही दो दर्जन से अधिक श्रद्धालु लौट गए।
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में सोमवार की भोर मंगला आरती की झांकी देखने आए श्रद्धालु पहले से ही दर्जनों की भीड़ देख भड़क उठे। वीआइपी को प्रवेश देने के लिए नई परंपरा शुरू करने पर आक्त्रोश में आए सुरक्षाकर्मियों को निशाने पर लिया और बिना दर्शन के ही दो दर्जन से अधिक श्रद्धालु लौट गए।
हुआ यह कि मंगला आरती के लिए रात के 12.30 बजे से ही कतार लग गई थी। रात 2.45 बजे गेट नंबर एक (ढुंढीराज) से प्रवेश दिया जा रहा था। पहला श्रद्धालु अभी मंदिर में पहुंचा ही था कि वहां सौ से अधिक लोगों को पहले से ही पालथी जमाए देख भौचक रह गया। सुरक्षाकर्मियों से पूछने पर पता चला कि वीआइपी हैं। उन्हें किस द्वार से प्रवेश दिया गया आदि सवाल दागते हुए श्रद्धालु भड़क उठे। गर्भगृह के सभी द्वार पहले से ही घिरा होने से लौट भी गए। यही नहीं अधिक टिकट काटे जाने से चार बजे के बाद तक प्रवेश दिया जाता रहा। इससे देर के चलते भी तमाम लोग आरती की झांकी से वंचित रह गए। उनका कहना था कि जब वीआइपी को ही द्वार पर बैठाना था तो फिर टिकट क्यों काटे गए। मंगला आरती में प्रवेश के लिए निर्धारित द्वार की बजाय छत्ताद्वार से प्रवेश देकर नई परंपरा शुरू किए जाने से भी लोग गुस्से में थे।
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