युवाओं में जल जागरूकता की पहल
नई पीढ़ी को गंगा सहित अन्य नदियों के महत्व का ज्ञान कराने तथा उनकी अविरलता व निर्मलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवसृजित महामना मालवीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी का शुभारंभ बुधवार को होगा।
वाराणसी। नई पीढ़ी को गंगा सहित अन्य नदियों के महत्व का ज्ञान कराने तथा उनकी अविरलता व निर्मलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नवसृजित महामना मालवीय इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी का शुभारंभ बुधवार को होगा। ब्रह्मानंद नगर कालोनी में सायं छह बजे एमएमआईटी का उद्घाटन लोकलेखा समिति के अध्यक्ष डॉ.मुरली मनोहर जोशी जस्टिस गिरधर मालवीय सहित अन्य विशिष्टजनों के कर-कमलों में होगा।
मंगलवार को पराड़कर स्मृति भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में बीएचयू के प्रो.यू.के.चौधरी ने कहा कि 26 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गंगा कार्ययोजना का शुभारंभ किया था, किंतु आज भी गंगा सूखती-सिकुड़ती चली जा रही है। अविरल-निर्मल गंगा के लिए खूब आंदोलन हुए, बड़े-बड़े वैज्ञानिक लगाए गए, किंतु परिणाम शून्य रहा। 25 वर्षो में गंगा की स्वच्छता पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। साढ़े सात हजार करोड़ का नया प्रोजेक्ट भी तैयार हो रहा है। प्रो.चौधरी ने सरकार से मांग की कि वह नए प्रोजेक्ट को जनता के सामने रखे।
प्रो.चौधरी ने कहा कि लोग गंगा को एक नदी के पानी की तरह प्रयोग कर रहे हैं। कहीं बांध बन रहा है तो कहीं सिंचाई के लिए पानी की निकासी, कितु गंगा की पीड़ा का निदान कैसे हो यह यक्ष प्रश्न है। एमएमआईटी अविरल-निर्मल गंगा के लिए ठोस व कारगर पहल करेगा।
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