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टिककर खेलें वीरू-गंभीर

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा है कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी को आस्ट्रेलिया के खिलाफ कल से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में वहां की कड़ी परिस्थितियों में टिककर खेलना होगा। चोपड़ा 2003-04 में आस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे। तब उन्होंने 23.25 की औसत से रन बनाए और कोई अर्धशतक नहीं जड़ा।

By Edited By: Published: Sun, 25 Dec 2011 07:22 PM (IST)Updated: Sun, 25 Dec 2011 07:22 PM (IST)
टिककर खेलें वीरू-गंभीर

मेलबर्न। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने कहा है कि गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी को आस्ट्रेलिया के खिलाफ कल से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में वहां की कड़ी परिस्थितियों में टिककर खेलना होगा। चोपड़ा 2003-04 में आस्ट्रेलिया दौरे पर गए थे। तब उन्होंने 23.25 की औसत से रन बनाए और कोई अर्धशतक नहीं जड़ा। तत्कालीन आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वा ने सिडनी में आखिरी टेस्ट मैच के बाद कहा था कि भारतीय टीम यदि सीरीज 1-1 से बराबर कराने में सफल रही तो इसका श्रेय चोपड़ा को भी जाता है। चोपड़ा की सफलता आंकड़ों में नहीं दिखती लेकिन उन्होंने जिस तरह से नई गेंद की चमक उतारी उससे बाकी बल्लेबाजों को काफी फायदा मिला। चोपड़ा ने कहा कि, कूकाबुरा गेंद के सामने पहले 30 ओवर काफी मुश्किल होते हैं। यदि आप इस स्पैल में कम से कम विकेट गंवाते हो तो फिर मध्यक्रम के बल्लेबाजों को रन बनाने में दिक्कत नहीं होती है। चोपड़ा ने नई गेंद को अच्छी तरह से झेला था। ब्रिस्बेन में उन्होंने 40 गेंद पर 4 रन, एडिलेड में 67 गेंद पर 27 रन, मेलबर्न में 135 गेंद पर 48 रन और सिडनी में 184 गेंद पर 45 रन बनाए थे। इसके बाद भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाजों ने इसका पूरा फायदा उठाया। सचिन तेंदुलकर ने 76.60 की औसत से 383 रन, वीवीएस लक्ष्मण ने 82.33 की औसत से 494 रन और द्रविड़ ने 123.80 की औसत से 619 रन बनाए थे। चोपड़ा ने कहा,मैं जानता था कि भारत के अधिकतर सलामी बल्लेबाज यहां असफल रहे हैं। मैं भी श्रृंखला के लिए अच्छी तैयारी नहीं कर पाया था। इससे पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में मेरी उंगली में चोट लग गई थी लेकिन इंग्लैंड के माइकल वान एक सत्र पहले आस्ट्रेलिया में काफी सफल रहे थे। मैंने आस्ट्रेलिया जाते हुए सिंगापुर में ज्योफ्री बायकाट से भी बात की थी। चोपड़ा ने कहा, बिस्बेन की पिच काफी तेज है। एमसीजी में थोड़ी नमी रहती है। वहां सीम और स्विंग होती है और इसलिए परिस्थितियां मुश्किल होती है। वहां 70 हजार लोग होते हैं और माहौल हतोत्साहित करने वाला होता है। जब मेरे शरीर पर गेंद लगी तो मैंने उसे बाक्सिंग डे पर बाक्सिंग मैच की तरह देखा था। मुझसे विकेट पर अधिक से अधिक समय बिताने के लिए कहा गया था। मैं आफ स्टंप के बाहर अधिक से अधिक गेंद छोड़ने के लिए तैयार था और मैंने ऐसा ही किया। इसके अलावा अपने स्क्वायर कट पर भी अंकुश लगाया जिस शाट से मैं ज्यादा से ज्यादा रन जुटाता हूं।

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चोपड़ा ने वर्तमान टीम के दोनों सलामी बल्लेबाजों सहवाग और गंभीर को भी सलाह दी। उन्होंने कहा, अधिक से अधिक गेंदों को छोड़ना महत्वपूर्ण होगा। उन्हें अपने आफ स्टंप का पता होना चाहिए और बाहर जाती गेंदों को छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। अच्छी बात यह है कि वे उन पिचों पर मिलने वाली उछाल पर भरोसा कर सकते हैं। उन्हें क्रीज पर पांव जमाने पर ध्यान देना चाहिए।

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