बिन धौनी भारत से नैया पार लगाने की चुनौती
टीम इंडिया अपने बल्लेबाजों की लंबे समय से खराब चल रही फार्म और चयन दुविधा से जूझ रही है और मंगलवार को त्रिकोणीय क्रिकेट सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में उसे फार्म में चल रहे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की सेवाओं के बिना ही मैदान पर उतरना होगा।
ब्रिसबेन। टीम इंडिया अपने बल्लेबाजों की लंबे समय से खराब चल रही फार्म और चयन दुविधा से जूझ रही है और मंगलवार को त्रिकोणीय क्रिकेट सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच में उसे फार्म में चल रहे कप्तान महेंद्र सिंह धौनी की सेवाओं के बिना ही मैदान पर उतरना होगा।
धौनी पर आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के पिछले मैच में धीमी ओवर गति के लिए एक मैच का प्रतिबंध लगा था जिसमें उसे कल गाबा में 110 रन की करारी शिकस्त मिली थी। सचिन तेंदुलकर का भी खेलना संदिग्ध लग रहा है क्योंकि ब्रेट ली की बाउंसर उनके सिर में लगी थी। क्षेत्ररक्षण के दौरान भी स्लिप में खड़े तेंदुलकर के पैर में गेंद लग गई थी जिससे वह आस्ट्रेलिया के 50 ओवर में से 25 ओवर मैदान से बाहर रहे थे। भारतीय टीम श्रीलंका से दो अंक ही आगे है लेकिन एक अतिरिक्त मैच खेल चुकी है। भारत को श्रीलंका के खिलाफ अपने बचे हुए दो मैचों में जीत दर्ज कर फाइनल में पहुंचने के मौके को बढ़ाना होगा। भारत के अभी तीन मैच बचे हैं, जिसमें एक 26 फरवरी को सिडनी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ होगा जबकि दो मैच श्रीलंका के खिलाफ हैं।
जहां तक टीम संयोजन की बात है, सीरीज में शुरू से बनी लय गड़बड़ा गई है क्योंकि उसके फार्म में चल रहे विकेटकीपर बल्लेबाज धौनी कल के मैच में उपलब्ध नहीं हो पाएंगे। इससे वीरेंद्र सहवाग टीम की अगुवाई करेंगे और पार्थिव पटेल बतौर विकेटकीपर टीम में सीरीज के दौरान अपना पहला मैच खेलेंगे लेकिन भारतीयों को फिर भी बल्लेबाजों के बारे में सोच विचार करना होगा।
टीम निश्चित रूप से आर अश्विन को टीम में शामिल करेगी जिसने सीरीज में अपने सभी पांच विकेट श्रीलंका के खिलाफ हासिल किए हैं। भारत को टीम का संयोजन संतुलित रखने के लिए चार मध्यम गति के गेंदबाज जहीर खान, उमेश यादव, विनय कुमार और इरफान पठान में से भी चयन करना होगा। आक्रामक गेंदबाजी को देखते हुए जहीर को अंतिम एकादश में होना ही चाहिए। पठान ने भले ही रन गंवाए हों लेकिन उन्होंने बल्ले और गेंद से उपयोगी प्रदर्शन किया। विनय कुमार ने कल अपने अंतिम तीन ओवर छोड़कर अच्छी गेंदबाजी की थी। इससे उमेश यादव ही बाहर होने वाले गेंदबाज लगते हैं, भले ही उन्होंने पिछले मैच में एक से ज्यादा बार 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गेंदबाजी की।
भारत शीर्ष क्रम में गौतम गंभीर के साथ बरकरार रहना चाहेगा लेकिन युवा मध्यक्रम बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं रहा है। मध्यक्रम में युवा तिकड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना ने सीरीज में निराश किया है, हालांकि दिल्ली के बल्लेबाज कोहली ने पर्थ में श्रीलंका के खिलाफ 77 रन की शानदार पारी खेली। रोहित ने पांच मैचों में 79 रन बनाए हैं जबकि रैना ने इतनी ही पारियों में 102 रन जोड़े हैं। सबसे अहम बात है कि भारत को फार्म में चल रहे महत्वपूर्ण बल्लेबाज धौनी की कमी खलेगी। धौनी ने मौजूदा सीरीज में दो अर्धशतकों से 63.66 के औसत से 191 रन बनाए हैं। जहां तक विकेटकीपिंग की बात है तो उन्होंने तीन कैच और दो स्टंप आउट करने के अलावा कुछ खिलाडि़यों को रन आउट भी किया है। अपने अनुभव के बावजूद पार्थिव पटेल को विकेटकीपिंग स्थान पर काफी मेहनत करनी होगी।
महेला जयवर्धने सिडनी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी 60 रन की पारी से बल्लेबाजी के उसी पुराने अंदाज में दिख रहे थे। तिलकरत्ने दिलशान हमेशा ही बड़ी पारियां खेलने की कोशिश करते हैं। श्रीलंकाई टीम मैदान पर बेहतरीन दिख रही है और जयवर्धने बेहतरीन ढंग से टीम की अगुवाई कर रहे हैं। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार रूक-रूक कर बारिश आने की संभावना है। भारत को धौनी की गैर मौजूदगी और तेंदुलकर के बाहर रहने की चिंता के बजाय यह सोचकर मनोबल बढ़ाना चाहिए कि वह अंक तालिका में श्रीलंका से ऊपर है। उन्हें यह बढ़त गंवाने की चिंता के बजाय इसे बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए।
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