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जयगुरुदेव भंडारे में भीड़ जुटाने की चुनौती

बाबा जयगुरुदेव के ब्रह्मलीन होने के बाद पहली बार हो रहे गुरु पूर्णिमा पर्व के भंडारे में सत्संगियों को बड़ी संख्या में जुटाने की चुनौती होगी। आश्रम पर काबिज गुट किसी तरह भंडारे को भव्य स्वरूप देने में जुटा हुआ है।

By Edited By: Published: Tue, 19 Jun 2012 05:05 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2012 05:05 PM (IST)
जयगुरुदेव भंडारे में भीड़ जुटाने की चुनौती

मथुरा। बाबा जयगुरुदेव के ब्रह्मलीन होने के बाद पहली बार हो रहे गुरु पूर्णिमा पर्व के भंडारे में सत्संगियों को बड़ी संख्या में जुटाने की चुनौती होगी। आश्रम पर काबिज गुट किसी तरह भंडारे को भव्य स्वरूप देने में जुटा हुआ है। उसकी एक टीम इस समय विभिन्न जिलों में प्रचार को निकली हुई है। बाबा जयगुरुदेव आश्रम में प्रति वर्ष तीन बड़े भंडारे होते हैं, जिनमें सबसे बड़ा भंडारा दिसंबर में होता है, जबकि जुलाई माह में होने वाले गुरु पूर्णिमा पर्व पर भी लाखों की भीड़ जुटती रही है। होली के दौरान होने वाले सत्संग का स्वरूप उतना बड़ा नहीं रहा।

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अब बाबा की नामौजूदगी में पहली बार गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाना है, जबकि बाबा की विरासत को संभालने के लिए अनुयाइयों में आपसी संघर्ष छिड़ा हुआ है। देश भर की संगत को अपनी ओर करने के लिए दोनों गुट दिन-रात एक कर रहे हैं। आश्रम से चले गए उमाकांत तिवारी अपने स्तर से देश भर की संगत के संपर्क में हैं तो काबिज गुट की ओर से सतीश यादव को पूर्वाचल में पर्व के प्रचार के लिए भेजा गया है। सतीश यादव ही यहां होने वाले भंडारे में मंच से प्रवचन करेंगे। बताया गया है कि अभी तक उन्होंने सुल्तानपुर, फैजाबाद, प्रताप गढ़, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, बस्ती, हरदोई व फिरोजाबाद समेत कई जिलों में सत्संगियों से संपर्क किया है।

तिवारी गुट की मानें तो आश्रम से गयी टीम को जगह-जगह विरोध का सामना करना पड़ा है। बस्ती समेत कुछ जगह पुलिस सुरक्षा में सत्संग कराया गया है तो हरदोई व फिरोजाबाद में टीम को तगड़े विरोध का सामना करना पड़ा। कई जगह टीम के सत्संग का बहिष्कार भी कर दिया गया। जिला अंबेडकर नगर में भी संगत खिलाफ बतायी गयी है, लेकिन वहां कुछ लोग बीस जून को सत्संग रखने को सहमत हो गए हैं।

दरअसल पर्व से पहले सत्संगियों के बीच जाकर प्रचार की परंपरा भी रही है और आश्रम पर काबिज गुट के समक्ष भंडारे को सफल बनाने की चुनौती भी है। जानकारों का कहना है कि तिवारी गुट पहले ही प्रचारित कर चुका है कि देश भर की संगत उनके साथ है, ऐसे में मथुरा में होने वाले भंडारे में खासी भीड़ नहीं जुटी तो संगत का समर्थन न होने के आरोप से काबिज गुट को दो-चार होना पड़ सकता है।

दूसरी ओर बताते हैं कि उमाकांत तिवारी भी जगह-जगह सत्संग को पहुंच रहे हैं। इस गुट ने प्रबंधन कमेटी की मीटिंग 24 जून को बुलायी है। यह गुट गुरु पूर्णिमा पर्व मनाएगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है। उनके अनुयायी रमाकांत पांडेय के अनुसार यह मुद्दा भी मीटिंग में तय होगा।

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