दोआबा के दधीचि
कुछ लोगों का जीवन समाज के लिए ही समर्पित रहता है। वह जीते हैं समाज के लिए और मरते के बाद कुछ ऐसा कर जाते हैं जो दूसरों के लिए नजीर बन जाता है।
इलाहाबाद। कुछ लोगों का जीवन समाज के लिए ही समर्पित रहता है। वह जीते हैं समाज के लिए और मरते के बाद कुछ ऐसा कर जाते हैं जो दूसरों के लिए नजीर बन जाता है। दोआबा के दधीचि ने धरती के भगवान यानि डॉक्टरों को देहदान करके अपना और पूरे कौशांबी का नाम मेडिकल जगत में सुनहरे अक्षरों में लिखवा दिया। इसकी हर किसी ने सराहना की।
भरवारी निवासी रमाशंकर केसरवानी (68) का निधन सोमवार की देररात हो गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्य रहे समाजसेवी रमाशंकर ने 19 दिसंबर 2011 को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के एनाटामी विभाग में देहदान व नेत्रदान की अर्जी दी थी। युग दधीचि देहदान अभियान की ओर से इसकी प्रक्रिया चल ही रही थी कि उनका निधन हो गया। रमाशंकर की भावना का ख्याल रखते हुए उनके बेटों प्रकाशचंद्र, सुभाष चंद्र व विपिन ने इसकी सूचना अभियान के संयोजक मनोज सेंगर को दी, उनके निर्देश पर कोआर्डिनेटर बीएल गुप्त ने भरवारी जाकर देहदान की जरूरी प्रक्रिया पूरी की। जानकारी होने पर सीएमओ डा. दयाराम वर्मा भी मौके पर पहुंचे। परिजन पहले शव को शवदाह स्थल ले गए। वहां हिंदू रीति-रिवाजों के साथ क्रियाकर्म करने के बाद शव को एंबुलेंस से मेडिकल कालेज लाया गया। यहां एनाटामी विभागाध्यक्ष डॉ. एके सिंह व अन्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर शव को ग्रहण किया। इसके पहले रमाशंकर को जिला सूचना अधिकारी जेएन यादव, विधायक केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा नेता यशपाल केशरी, उदयन सिंह, संजय गुप्ता,प्रेमचंद्र चौधरी, रामसजीवन मधुकर, अशोक गुलाटी आदि श्रद्धांजलि दी।
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