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राजस्थान फिर बना रणजी चैंपियन

राजस्थान ने सोमवार को पांचवें और अंतिम दिन औपचारिकताएं पूरी करके तमिलनाडु के खिलाफ पहली पारी की बढ़त के आधार रणजी ट्राफी का अपना खिताब बरकरार रखा। मैच के चौथे दिन ही राजस्थान ने पहली पारी में 326 रन की विशाल बढ़त हासिल कर ली थी जिससे उसका लगातार दूसरी बार चैंपियन बनना तय हो गया था।

By Edited By: Published: Mon, 23 Jan 2012 06:12 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2012 06:12 PM (IST)
राजस्थान फिर बना रणजी चैंपियन

चेन्नई। राजस्थान ने सोमवार को पांचवें और अंतिम दिन औपचारिकताएं पूरी करके तमिलनाडु के खिलाफ पहली पारी की बढ़त के आधार रणजी ट्राफी का अपना खिताब बरकरार रखा। मैच के चौथे दिन ही राजस्थान ने पहली पारी में 326 रन की विशाल बढ़त हासिल कर ली थी जिससे उसका लगातार दूसरी बार चैंपियन बनना तय हो गया था।

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राजस्थान को विजेता बनने पर दो करोड़ रुपये जबकि तमिलनाडु को इससे आधी रकम मिली। राजस्थान ने कल तमिलनाडु को फालोआन नहीं दिया और आज अपनी दूसरी पारी पांच विकेट पर 204 रन बनाकर समाप्त घोषित की। तमिलनाडु को कुछ अनिवार्य ओवर खेलने थे जो महज औपचारिकता पूरी करने के लिए किए गए। तमिलनाडु के बल्लेबाज हालांकि इन 13 ओवर में जूझते हुए नजर आए और वे दो विकेट पर केवल आठ रन ही बना सके। पिछले साल प्लेट ग्रुप से चैंपियन बनने वाली राजस्थान की टीम को इस मुकाम पर पहुंचाने का श्रेय निश्चित तौर पर रिषिकेश कानितकर को दिया जाएगा। कप्तान के रूप में उन्होंने लगातार दो बार अपनी टीम को चैंपियन बनाया और उन्हें हमेशा घरेलू क्रिकेट की सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में गिना जाएगा।

राजस्थान ने इस जीत से दिखा दिया कि पिछली बार की उसकी खिताबी जीत महज संयोग नहीं थी। कानितकर को छह साल पहले उनके राज्य महाराष्ट्र की टीम ने बाहर कर दिया था लेकिन यह उनके लिए अच्छा ही साबित हुआ। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ भाग्य और कुछ उनके खिलाडि़यों की कड़ी मेहनत के कारण टीम दूसरी बार चैंपियन बनने में सफल रही। कानितकर ने कहा, यह बहुत अच्छा अहसास है। ग्रुप चरण में कुछ परिणाम हमारे अनुकूल रहे। हमने कुछ मैच जीते और फिर अन्य टीमों के हमारे अनुकूल परिणाम से हम नाकआउट में पहुंच गए। इसके बाद हमने बेहतरीन क्रिकेट खेली।

तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने भी स्वीकार किया कि राजस्थान खिताब का हकदार था। उन्होंने कहा, हम निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। पिच थोड़ी धीमी थी लेकिन हमें इससे शिकायत नहीं है। मैं कभी यह नहीं मानता कि टास की भूमिका अहम होती है। यह सब कौशल पर निर्भर करता है और बेहतर टीम जीत दर्ज करती है। मैन आफ द मैच विनीत सक्सेना ने कहा कि उनका दोहरा शतक सही समय पर लगा। उन्होंने कहा, तमिलनाडु के गेंदबाजों को पूरा श्रेय जाता है क्योंकि उन्होंने आसानी से रन नहीं दिए। हमारी पहले विकेट की साझेदारी शानदार रही। हमारी रणनीति विकेट पर टिककर लंबी पारियां खेलने की थी। हम जानते थे कि यदि हम लंबे समय तक टिके रहते हैं तो फिर बाद में गेंदबाजी करने पर इसका फायदा मिलेगा।

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