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सचिन को ले लेना चाहिए था संन्यास

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारत के विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, हम सभी बड़ी उपलब्धि के साथ खेल से विदा लेना चाहते हैं लेकिन हमेशा ऐसा हो नहीं पाता। सचिन ने विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाया। वह महान खिलाड़ी हैं और उनका कोई विकल्प नहीं।

By Edited By: Published: Mon, 30 Jan 2012 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jan 2012 10:12 PM (IST)

कोलकाता। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान का मानना है कि सचिन तेंदुलकर को पिछले साल भारत के विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए था। उन्होंने कहा, हम सभी बड़ी उपलब्धि के साथ खेल से विदा लेना चाहते हैं लेकिन हमेशा ऐसा हो नहीं पाता। सचिन ने विश्व कप में बेहतरीन खेल दिखाया। वह महान खिलाड़ी हैं और उनका कोई विकल्प नहीं।

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इमरान ने एक चैनल से कहा, उन्हें खुद तय करना है कि खेल को अलविदा कब कहना है। आस्ट्रेलिया से 4-0 से हारने के बाद तो वह नहीं जाना चाहेंगे। विश्व कप के बाद वह क्रिकेट से संन्यास लेते तो इससे बेहतर कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाडि़यों को संन्यास के बारे में खुद फैसला लेने का हक है और प्रबंधन को पहले उनके विकल्प तलाशने होंगे। उन्होंने कहा, खिलाडि़यों के लिए यह कठिन सवाल है कि वह कब संन्यास लेंगे। यह काफी कठिन फैसला है। इमरान ने कहा, भारतीय क्रिकेट में एक नहीं बल्कि तीन या चार ऐसे खिलाड़ी हैं। अहम सवाल उनके विकल्प का है। युवा और अनुभवी खिलाडि़यों के बीच लंबा अंतराल हो तो उम्रदराज खिलाडि़यों को टीम में रखना पड़ता है।

तेंदुलकर के बहुप्रतीक्षित सौवें अंतरराष्ट्रीय शतक के बारे में उन्होंने कहा कि महान खिलाडि़यों के लिए आंकड़े मायने नहीं रखते। उन्होंने कहा, रिकार्ड टूटने के लिए बनते हैं। रिकार्ड बनाने के लिए कोई नहीं खेलता। रिकार्ड जीत का हिस्सा होते हैं। सचिन महान खिलाड़ी है। मैं कभी यह नहीं सोचता कि उसने 99 शतक बनाए हैं या 100। उन्होंने कहा, मेरी नजर में महानतम क्रिकेटर विव रिच‌र्ड्स हैं। मुझे उनका रिकार्ड देखने की जरूरत नहीं है। वह महान इसलिए हैं क्योंकि उन्हें चुनौतियां पसंद थीं। रिकार्ड आंकड़े ही तो हैं जो महान खिलाडि़यों के लिए मायने नहीं रखते।

इमरान ने कहा कि यदि उनकी टीम भारत की तरह विदेश में शर्मनाक पराजय झेलती तो वह खेल को अलविदा कह देते। उन्होंने कहा, मैं तो संन्यास ले लेता। यदि मैं ऐसी टीम में हूं जो लगातार आठ टेस्ट हार चुकी है तो मैं खेल ही छोड़ देता। भारत को आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड ने हराया है। यह कोई 80 के दशक की कैरेबियाई टीम नहीं है। साथ इमरान ने भारतीय टीम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आईपीएल से खिलाडि़यों की तकनीक और रवैये पर असर पड़ा है जिससे इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में हार झेलनी पड़ी। इसे भारतीय क्रिकेट के लिए खतरे की घंटी बताते हुए इमरान ने आईपीएल और टी-20 क्रिकेट पर अधिक तवज्जो को दोषी ठहराया।

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