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महायज्ञ में विश्व कल्याण की कामना

पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जन्म शताब्दी समारोह का अनुष्ठान 1551 कुंडीय महायज्ञ तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं के आह्वान के साथ सोमवार को शुरू हुआ। आयोजन स्थल हरिद्वार के नीलधार में गूंजती वेद ऋचाएं और भजन लहरियां श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही थीं।

By Edited By: Published: Mon, 28 Nov 2011 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2011 05:08 PM (IST)
महायज्ञ में विश्व कल्याण की कामना

हरिद्वार। पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जन्म शताब्दी समारोह का अनुष्ठान 1551 कुंडीय महायज्ञ तैंतीस करोड़ देवी-देवताओं के आह्वान के साथ सोमवार को शुरू हुआ। आयोजन स्थल हरिद्वार के नीलधार में गूंजती वेद ऋचाएं और भजन लहरियां श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही थीं।

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वेद मंत्रों के साथ बारी-बारी से सभी देवी-देवताओं को यज्ञ में आमंत्रित किया गया, ताकि लोक कल्याण का यह अनुष्ठान सफल हो और संपूर्ण मानवजाति को इसका लाभ मिले। देश-विदेश से आए लगभग दस हजार साधकों ने यज्ञ में आहुति दी। यज्ञ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवनचंद्र खंडूड़ी भी शामिल हुए। उन्होंने विश्व कल्याण के इस अनुष्ठान में शामिल होने के लिए देश-दुनिया के गायत्री साधकों का आभार जताया। गायत्री परिवार के मुखिया डॉ. प्रणव पंड्या व शांतिकुंज अधिष्ठात्री शैल जीजी ने यज्ञ में सहभागिता निभाई। अनुष्ठान में पहुंची गुजरात की राज्यपाल कमला बेनीवाल ने कहा कि पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने मनुष्य में देवत्व के उदय का संदेश जन-जन तक पहुंचाया। यही कारण है कि उनकी संकल्पना ने संगठन नहीं, बल्कि एक परिवार का आकार लिया, जिसे दुनिया अखिल गायत्री परिवार के रूप में जानती है।

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