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यज्ञ से वातावरण के साथ-साथ शुद्ध होता है मन

गायत्री परिवार की ओर से सत्यनारायण मंदिर धर्मशाला में पांच कुंडीय यज्ञ आयोजित किया गया। इस दौरान यज्ञ आचार्यो ने यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यज्ञ से वातावरण के साथ-साथ मन भी शुद्ध होता है।

By Edited By: Published: Fri, 11 May 2012 04:49 PM (IST)Updated: Fri, 11 May 2012 04:49 PM (IST)
यज्ञ से वातावरण के साथ-साथ शुद्ध होता है मन

रुड़की। गायत्री परिवार की ओर से सत्यनारायण मंदिर धर्मशाला में पांच कुंडीय यज्ञ आयोजित किया गया। इस दौरान यज्ञ आचार्यो ने यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यज्ञ से वातावरण के साथ-साथ मन भी शुद्ध होता है।

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सत्यनारायण धर्मशाला में आयोजित कार्यक्त्रम में शांतिकुंज से आए अशोक कुमार, नरेंद्र एवं भाव सिंह तोमर ने कहा कि प्राचीन वेद हो या आधुनिक विज्ञान सबने यज्ञ की महत्ता को बताया है। उन्होंने कहा कि यज्ञ से वातावरण के साथ-साथ मन भी शुद्ध होता है। इसलिए प्रत्येक घर में गायत्री मंत्र के साथ यज्ञ किया जाना चाहिए। साहित्यकार डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण एवं डॉ. जीएल भट्ट ने भी यज्ञ के महत्व पर प्रकाश डाला। दोनों विद्धानों ने इस बात पर जोर दिया कि शांतिकुंज ने पूरे देश के अंदर मानवता, भाईचारे एवं राष्ट्रीयता की जो अलख जगाई, वह प्रशंसनीय है। इस मौके पर पांच कुंडीय यज्ञ आयोजित किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर आयोजक रामकुमार गुप्ता, रामगोपाल अग्रवाल, रामदास गांधी, नितिन अरोरा, सोहनवीर सिंह, संदीप वर्मा, ओमप्रकाश, अनिता, उषा, गायत्री, प्रेम प्रकाश शर्मा, सुरेश मित्तल, वरुण आदि ने विचार व्यक्त किए।

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